Monday, 5 November 2018

कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता

*रात को सोते वक़्त नाक में पंचगव्य घृत की सिर्फ़ 2 बूँदे डालने के ये फ़ायदे*
आज हम आपको रात को सोते वक़्त नाक में पंचगव्य नस्य की सिर्फ़ 2 बूँदे डालने के 33 फ़ायदो के बारे में बताएँगे। 
इतिहास गवाह है कि
देशी गाय के घी में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो और किसी चीज़ में नहीं मिलते। यहाँ तक की इसमें ऐसे माइक्रोन्यूट्रींस होते हैं जिनमें कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है। 
देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। 
शुद्ध देशी गाय की घी से बना *पंचगव्य नस्य* रात को सोते वक़्त नाक में 2 – 2 बूँद गाय के देशी घी डालना हमें बहुत सारे लाभ देता है। पंचगव्य नस्य को लेट कर नाक में डाले और पाच मिनट लेटे रहे इसे प्रतिमर्श नस्य कहा जाता है।
*हार्ट अटैक* : हार्ट अटैक जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, ह्रदय मज़बूत होता है।
*सोरायसिस और त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक* : सोरायसिस गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सोरायसिस के लिए भी कारगर है।
*बाल झडना* : बाल झडना पंचगव्य नस्य नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
*आँखों की ज्योति बढ़ती है  लम्बे समय तक सेवन करने से आप देखेंगे कि आपकी आंखों की रौशनी में गजब का सुधार हो रहा है।
*कोमा से जगाए  पंचगव्य नस्य नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लौट आती है।
*हथेली और पांव के तलवो में जलन  हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर पंचगव्य नस्य की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
*कफ की शिकायत  कफ की शिकायत नासिका घृत से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है। यहां पर मैं आपको बता दूं कि नस्य जितना पुराना होगा रिजल्ट उतना जल्दी आएगा
*नस्य ना लेने का समय* : नस्य ना लेने का समय बीमार पड़ने पर, आघात होने पर या बहुत थका हुआ होने पर, वर्षा ऋतू में जब सूर्य ना हो, गर्भवती या प्रसव के बाद, बाल धोने के बाद, भूख या प्यास लगने पर, अजीर्ण होने पर, आघात होने पर या बहुत थका हुआ होने पर, अनुवासन बस्ती या विरेचन के बाद।
*कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता  कैंसर पंचगव्य नस्य न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है।

*पंचगव्य नस्य* के अन्य ज़बर्दस्त फायदे
● *पंचगव्य नस्य* को रसायन कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। इस नस्य से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। इस नस्य में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमे अदभुत औषधिय गुण होते है, जो की साधारण नस्य में नहीं मिलते।
*पंचगव्य नस्य* से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। इस घृत में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं। जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। *पंचगव्य नस्य* से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है।
*पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
*पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
*पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
*पंचगव्य नस्य* से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
*पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
*पंचगव्य नस्य* डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
*पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
*पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
*पंचगव्य नस्य* को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
10) हाथ पाव मे जलन होने पर *पंचगव्य नस्य* को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है
11) हिचकी के न रुकने पर *पंचगव्य नस्य* नाक में डालने से हिचकी स्वयं रुक जाएगी
*पंचगव्य नस्य* से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
*पंचगव्य नस्य* से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है
*पंचगव्य नस्य* से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
अगर अधिक कमजोरी लगे, तो *पंचगव्य नस्य* का उपयोग सराहनीय है।
हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर *पंचगव्य नस्य* की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
फफोलो पर *पंचगव्य नस्य* लगाने से आराम मिलता है।
गाय के घी की छाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।
दो बूंद *पंचगव्य नस्य* नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है।
 सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो इससे पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।
यह स्मरण रहे कि *पंचगव्य नस्य* के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। 
वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है । 
यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
*पंचगव्य नस्य* के सेवन से प्रगाढ़ निद्रा आ जायेगी ।
☆ *पंचगव्य नस्य* में मनुष्य – शरीर में पहुंचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता है.
सम्पर्क-व्रजराज गौ शाला-9407001528

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