सन्
2000 में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने
रिपोर्ट दे कर चेताया था कि माँ के दूध में भी 4% जहर हो गया है । इससे
आने वाली बच्चों की पिढी में भंयकर बिमारियों के आने का खतरा है ।
अब
जब 2007 में एक विशेषज्ञ ने न्यूजीलैंड में एक किताब लिख कर
बताया कि गाय के विदेशी नस्लों से प्राप्त दूध A.1 से
पांच तरह कि बिमारी फैल रही है । डायबिटीज , धमनियों
में खुन जमता है, सनायू रोग, हार्ट,
अकाल मृत्यु ।
इस के बाद आज पूरी दुनिया
में तहलका मच गया । भारतीय गायों की देशी नस्लें A. 2 दूध
देती हैं यह स्वास्थ्य के लिये अमृत है ।
अब चीन, फ्रांस, ब्राजील आदि बहुत से देश A.2 दूध के उत्पान बढाने पर जोर दे रहे हैं ।
भारतीय ऋषियों ने हजारों साल पहले कहा था कि जैसी दूधी - वैसी बुद्धि पर हमारी सरकारों ने इसे नकार कर क्रास ब्रीड व विदेशी नस्ल की गायों पर जोर दिया इस से लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ गया ।
आज आदमी छोट्टी बच्चीयों से
बलात्कार करने जैसी घिनौनी हरकतें करने लग गया ।
हमारे देश में एक गम्भीर
समस्या ये है कि नेता व सरकारें लोगों के स्वास्थ्य के प्रती गम्भीर नहीं है ।
इसका कारण है कि अंग्रेजी मानसिकता वाले लोग नेतृत्व के शिखर पर होते हैं और जो
भारत को भारतीयता पर रखने के लिए प्रयत्नशील हो रहे होते हैं, उन्हें
चंद लालची लोग मरवा देते हैं |
अतः सभी साथियों से निवेदन
है कि अखंड भारत के लिए काम शुरू करें | फिर जैसे अंग्रेज भागे थे, अब
तो अंग्रेजियत भगानी है | मुश्किल है पर असंभव नहीं |
वंदे
मातरम...
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