Thursday 25 October 2018

साबुन जहर क्यों?


*त्वचा की नमी को खत्म करता है साबुन का प्रयोग*

अपनी त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए हम सभी साबुन का इस्तेमाल करते है. साथ ही साथ हम इसका इस्तेमाल हाथ धोने के लिए भी करते है. बाजार में मिलने वाले तमाम साबुन इस बात का दावा करते है की साबुन से वो आपकी त्वचा को मुलायम और खूबसूरत बनाते है जबकि सच्चाई कुछ और ही है

साबुन का इस्तेमाल कई तरह के त्वचा रोगों का कारण होता है

प्राचीन काल मे त्वचा की सफाई और उनके सौन्दर्य के लिए तमाम तरह के प्राकृतिक लेप जैसे मुल्तानी मिटटी, हल्दी, बेसन आदि का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब लगभग हर घर में इन प्राकृतिक उपचारों का इस्तेमाल बंद हो चूका है और सभी लोग केमिकलयुक्त साबुन के इस्तेमाल के आदी हो चुके है

ऐसे लोगो को आज हम बताने वाले है की बाजार के साबुन लगाने से त्वचा को क्या-क्या नुक्सान होते है

*त्वचा की नमी छीन लेते है साबुन-* बाजार में मौजूद ज्यादातर साबुनों में खुशबू, डिटर्जेंट अन्य तरह के केमिकल्स मौजूद होते है यह हमारी त्वचा को साफ़ तो करते है लेकिन इनके इस्तेमाल से हमारे स्किन की नमी छिन जाती है. हमारा शरीर त्वचा की सुरक्षा के लिए एमिनो एसिड्स और क्षार का निर्माण करता है यह त्वचा की परत पर माइस्चराईजर के रूप में मौजूद होते है. साबुन के प्रयोग से यह नेचुरल माइस्चराईजर नष्ट हो जाते है.

*गुड बेक्टीरिया भी हो जाते है खत्म-* साबुन जीवाणुओ को तो खत्म कर ही देते है लेकिन साथ ही साथ यह त्वचा पर मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का भी नाश कर देते है. गुड बैक्टीरिया त्वचा के घटक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते है
*त्वचा से विटामिन डी हटाते है-* हमारे शरीर के लिए विटामिन डी बहुत ही लाभकारी है. साबुन का इस्तेमाल हमारे शरीर में विटामिन को अवशोषित नही होने देता. इससे पहले की विटामिन डी को त्वचा अवशोषित करे, साबुन उसे त्वचा से ही हटा देते है. विटामिन डी को त्वचा में अवशोषित होने में कम से कम 48 घंटे लगते है.
*केमिकल्स से त्वचा को नुक्सान-* कई तरह के नहाने के साबुनों में ट्रिकलोशन  नाम के रसायन का काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है. यह आपकी त्वचा के लिए बेहद हानिकारक होता है. इस प्रकार के साबुन को रोज प्रयोग में लाने से त्वचा को भारी नुक्सान होता है
*धुल जाता है आकर्षित करने वाला केमिकल-* फेरोमोंस एक ऐसा केमिकल होता है जो विपरीत लिंग को आकर्षित करने में मदद करता है. यह केमिकल हमारे पसीने में मौजूद होता है जो नहाने के साबुन की वजह से धुल जाता है.

*जहरयुक्त साबुन से बचे और हमारी गौ शाला में पंचगव्य और अन्य जड़ी बूटियों के संयोग से बने साबुन, उबटन, फेस पेक का स्तेमाल करे*

सम्पर्क- *ब्रजराज गौ शाला,* रीठी, कटनी, एम् पी,
*9407001528, 9009363221*



No comments:

Post a Comment

गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)

             *सामग्री* गौ मूत्र      *एक लीटर* नीम पत्र    *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त     *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...