Thursday, 15 December 2016

चंदे से गौमाता नही बचेगी आपको पंचगव्य उत्पाद के क्षेत्र में आना ही होगा



आज जो 98% गौशालाएं चंदे से चल रही हैं , उनकी हालात बदतर हो चुकी है । सिर्फ 2% वो गौशालाएं ठीक ठाक चल रही हैं जिनके अपने संसाधन हैं 

आज दुकानों पर रखे गए गुल्लकों को हीन भावना से देखा जाने लगा है । न उस गुल्लक में दुकानदार की श्रद्धा है न ग्राहक की । बस मजबूरी है ।

और एक बात सुनकर आप हैरान हो जाएंगे कि कई गौशालाओं मे चंदा इकट्ठा करने वालों को 50% तक कमीशन दिया जाता है ।

मैं किसी पर आरोप नही लगा रहा , पर एक बात बता रहा हूँ यहीं हाल रहा तो आने वाले दो साल के बाद गौशालाओं को चंदा मिलना बंद हो जाएगा ।

गौशालाओं में बीमार गायों की संख्या बढती जा रही है क्योंकि उनके खाने पीने और इलाज की व्यवस्था आर्थिक तंगी के चलते सही नही हैं ।

बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस देश की गौशालाओं में हजारों गौमाता रोज मर रही हैं ।

आप चंदा प्रथा के कितने भी पक्षधर हो पर मैं दावे के साथ कहता हूँ कि चंदे से गौमाता नही बचेगी , इसके लिए आपको पंचगव्य उत्पाद के क्षेत्र में आना ही होगा ।

आज आ जाओगे तो समय अनुकूल है देर करोगे तो फिर देर ही हो जाएगी


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