Monday 1 April 2019

भयानक परिस्थितियों से मुक्ति प्राप्ति के लिए 32 नाम


*★भयानक परिस्थितियों से मुक्ति प्राप्ति के लिए  माँ दुर्गा के 32 नाम ★*

  *"अथ दुर्गाद्वात्रिंशद् नाममाला★*

  *दुर्गा दुर्गातिशमनी दुर्गापद्विनिवारिणी । 
दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी ।। 1।।*

 (1) दुर्गायै नमः
(2) दुर्गातिशमन्यै नमः
(3) दुर्गापद् विनिवारिण्यै नमः
(4) दुर्गमच्छेदिन्यै नमः
(5) दुर्गसाधिन्यै नमः
(6)दुर्गनाशिन्यै नमः      

*दुर्गतोद्धारिणी दुर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा ।
दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला ।।2।।*

(7) दुर्गतोद्धारिण्यै नमः
(8) दुर्गनिहन्त्रयै नमः
(9) दुर्गमापहै नमः
(10) दुर्गमज्ञानदायै नमः
(11) दुर्गदैत्यलोकदवानलायै नमः ।                         

*दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी । 
दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता ।।3।।*

 (12 दुर्गमायै नमः
(13) दुर्गमालोकायै नमः
(14)  दुर्गमात्मस्वरूपिण्यै नमः 
(15) दुर्गमार्गप्रदायै नमः 
(16) दुर्गमविद्यायै नमः 
(17 ) दुर्गमाश्रितायै नमः  

*दुर्गममज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी ।
दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी ।।4।।*

(18)दुर्गमज्ञानसंस्थानायै नमः  
(19) दुर्गमध्यानभासिन्यै नमः 
(20) दुर्गमोहायै नमः
(21) दुर्गमगायै नमः
(22) दुर्गमार्थस्वरूपिण्यै नमः                            

*दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी । 
दुर्गमाङ्गी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी ।।5।।*

(23) दुर्गमासुरहन्त्र्यै नमः 
(24)दुर्गमायुधधारिण्यै नमः
(25) दुर्गमाङ्ग्यै नमः
(26) दुर्गमतायै नमः
(27)  दुर्गम्यायै नमः         
(28) दुर्गमेश्वर्यै नमः ।।     

*दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी ।। 6 ।।*

(29) दुर्गभीमायै नमः
(30) दुर्गभामायै नमः      
(31) दुर्गभायै नमः         
(32) दुर्गदारिण्यै नमः         

*नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानवः । 
पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविष्यति न संशयः ।7।।*

भगवती दुर्गा ने देवताओं से कहा कि हे देवताओ !  *जो भी स्त्री पुरुष मेरे बत्तीस नामों वाले स्तोत्र को पढ़ेगा या इन नामों का जप करेंगे , वे सभी प्रकार के भयों से मुक्त हो जाएंगे ।*

*★विशेष ★*

*यह 32 नामावली स्तोत्र दुर्गासप्तशती के अन्त में दिया गया है ।* एक नाम से एकमाला पूर्ण करे , इस प्रकार प्रत्येक नाम की एक माला करते हुए *प्रतिदिन 32 माला करने से रुके हुए कठिन से कठिन कार्य 32 दिन में सिद्ध हो जाएंगे ।*

 श्रद्धा और विश्वास के साथ माँ का पूजन करके सरसों के तेल का दीपक जलाकर जप करें । अखण्ड दीपक जलाना आवश्यक नहीं है ।

सामर्थ्य हो तो जलाएं । जब तक जप करें , तब तक तो दीपक जलना ही चाहिए । नवरात्रि में तो व्रत करते हुए नौ दिन में ही कार्य की सिद्धि हो जाती है ।

स्वयं न कर सकें तो किसी ऐसे योग्य ब्राह्मण से जप करवाएं जो गुटखा आदि व्यसन न करता हो , तथा अपने ब्राह्मण कर्म को करता हो । संस्कृत भाषा को पढ़े हो ।

ब्राह्मण की इच्छानुसार दक्षिणा देकर संतुष्ट करने पर ही कार्य सिद्धि होती है । कम दक्षिणा देकर , पूजन में लोभ करनेवाले मनुष्य को कोई भी फल नहीं मिलता है । *ऐसा मनुस्मृति में लिखा हुआ है ।* 

राधे राधे ।

*-आचार्य ब्रजपाल शुक्ल , वृन्दावनधाम*

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