Saturday, 12 January 2019

झाग ने आपके दांतों को ग्रहण लगा दिया है

सबेरे-सबेरे हम जानवरों के हड्डियाँ का चूरा, कैंसर युक्त खतरनाक रसायन प्रतिदिन अपने दांतों पर मलकर अपने दांतों की मजूबत पर्त को खोखला करते जा रहे हैं 

बीस वर्ष बाद ही रूट कैनाल की जरूरत पड़ रही है। 

एक तरफ आप अपने दांतों को ख़राब भी कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हम विदेशी कंपनियों को आर्थिक रूप से मजबूत भी कर रहे हैं । 

आपके झाग ने आपके दांतों को ग्रहण लगा दिया है और आप खुद को इंटेलीजेंट समझ रहे है।
याद कीजिये अपने पूर्वजों को जो मरते दम तक चने और गन्ने चूसते थे, क्योंकि उनके दांत बेहद मजबूत थे ...? क्योंकि दांत हमारे शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा है जो ना तो मिटटी में गलता है, ना आग में जलता है और ना पानी में घुलता है पर वही दांत पेप्सी कोक में गल जाता है .....??
*यदि सारे दाँत मजबूत हैं तो पाचन - शक्ति भी अच्छी होगी, यदि पाचन शक्ति अच्छी होगी तो आप स्वस्थ्य रहेंगे ।*
आजकल के टूथपेस्ट से फ्लोरिस नामक बिमारी ज्यादा होती है।
*सभी टूथपेस्ट के बनाने के बनाने का तरीका एक सा है। झाग के लिए इसमें सोडियम लॉरेल सल्फेट, ट्राईक्लोसन, फ्लॉराइड आदि जहर मिलाये जाते है।*
आपको सारी जिन्दगी " Tooth Brush व Tooth Paste " से लाभ नहीं मिलेगा, परन्तु मंजन में मौजूद औषधियां गले की वीमारी व आमाशय की वीमारी में बहुत ही लाभप्रद हैं ।
अब निर्णय आपको लेना है आपको जानवरों की हड्डियाँ का चूरा व कैसर युक्त रसायन का टूथ-पेस्ट चाहिए या देशी आयुर्वेदिक मंजन।
*बदर्या मधुरः स्वरः। उदुम्बरे च वाकसिद्धि:।*
*अपामार्गे स्मृतिमेधा। निम्बेश्व तिक्तके श्रेष्ठ:।*
*बेर* के दातुन से स्वर मधुर होता है । *गूलर* के दातुन से वाणी अच्छी रहती है , *अपामार्ग* के दातुन से स्मरण शक्ति और बुद्धि बढती है *नीम* के दातुन दन्त रोग में श्रेष्ठ हैऔर *बबूल* से दांत मजबूत होते है ।
- आप यह आयुर्वेद मंजन घर पर बना लीजिये ( लौंग , हल्दी, माजूफल, जायफल, छोटी पीपर, नीम की निमौली का पाउडर या नीम की पत्तियों का पाउडर, उलटकम्बल ( चिचढा ), कपूर, मुलैठी, विटखदर की छाल, पतंगकाष्ठ, दालचीनी, गाय के गोबर की राख या लकड़ी का कोयला, सेंधा नमक, जावित्री, तेजपत्ता, सहिजन, आक का पत्ता, सरसों का तेल, फिटकरी, फूला सोहागा आदि का मंजन ) को हल्का-हल्का हांथो की अँगुलियों से मसूड़ों पर मलिए। इससे मसूड़ों की मालिश होगी और रक्तसंचार बढेगा जिससे दाँत मजबूत होंगें ।
*दांतों की गन्दगी, पायरिया, दुर्गन्ध*
खड़िया मिट्टी 60 ग्राम, शुद्ध सफ़ेद कत्था 50 ग्राम, दालचीनी 40 ग्राम, अखरोट छाल 40 ग्राम, मौल श्री, अजवाइन, सेंधा नमक, सोंठ, बादाम के छिलके की भस्म, जायफल अकरकरा, काली मिर्च, जायफल, माजूफल, लौंग, छोटी इलायची प्रत्येक 30 ग्राम, शंख भस्म 10 ग्राम । इन सबको पॉउडर बना लें, और सुबह - शाम अंगुली से मंजन करें।
*छालों के लिए* - दही के साथ मंजन का प्रयोग कीजिये।
👉🏼 *उकड़ू बैठकर मंजन करने के अद्भुत फायदे हैं ।*
मंजन करते समय कमर से आगे का हिस्सा थोडा आगे झुकाकर मंजन करें।
- सप्ताह में तीन से चार बार गुनगुने पानी में नमक, फिटकरी या फूले का सुहागा मिलाकर मुंह में घुमाइए उसके बाद कुल्ला कर दीजिये, इससे मसूड़ों की सिंकाई होगी मसूड़े रोग व दुर्गन्ध से मुक्त होकर दांतों को मजबूती प्रदान करेंगे।
*मुंह में छाले* पोटास ऑफ़ परमैंगनेट से कुल्ला या बबूल की छाल से कुल्ला करें।
*जीभ की मालिश* इसी मंजन से जीभ की मालिस कीजिये तथा मध्यमा व तर्जनी अँगुलियों के सहारे जीभ व गले को साफ़ कीजिये इससे आपके जीभ के स्नायु तंत्र मजबूत होंगे और लार भी बराबर मात्रा में बनेगी।
👉🏼 *कभी भी लोहे या प्लास्टिक की जिब्भी से जीभ को ना साफ करें ।*
- यदि आपके हाथों की अंगुलियाँ मंजन करते समय आपके टांसिल को स्पर्श करती हैं तो आपके हृदय व मस्तिष्क में कम्पन्न ( झनझनाहट ) महसूस होगा आपको उल्टी आएगी आपके अमाशय का अपच विकार युक्त दूषित अन्न व पित्त बहार निकल जायेगा ।
👉🏼 *टांसिल पर अँगुलियों के स्पर्श का लाभ*
प्रातः काल कफ का प्रकोप अधिक होता है तो
गले का व्यायाम होगा, कफ निकलेगा ।
टांसिल की समस्या नहीं आएगी। थायराइड में लाभ होगा ।
👉🏼 *हृदय व मस्तिष्क में कम्पन्न से हृदय मजूबत होगा और याददास्त तेज होगी ।*
- स्वर कोमल होगा ।
- नेत्र की ज्योति बढ़ेगी।
- गले की खराश कम होगी
👉🏼 *होम्योपैथी Wheezal Hekla Lava*
*प्लैण्टेन Q*
*Staphysogria* जैसी कई दवाई है, जो लक्षणों पर कार्य करती है।
*दाँत और दाढ़ के दर्द की अनुभूत दवा*---
1. काकड़ासिंगी-- एक तोला
2. छोटी पीपर -- एक तोला
दोनों को बारीक पीसकर आधा तोला खाने का सोड़ा मिलाकर रख लें। जहां दर्द हो, वहाँ मलें और नीचे को मुँह कर दें ताकि सब लार गिर जाये। उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला कर लें। दस मिनट में दर्द मिट जायेगा। परीक्षित है।
🌅 *दांतों में कीड़ा* 🌅
*दाँत में कीड़ा लगना*
घर का बना चूना पिसी देशी फिटकरी को आपस में मिलाकर खोखली दाढ़ में भरकर मुँह नीचे लटका लें । कुछ मिनट में लार के साथ दाँत का कीड़ा बाहर आ जायेगा।
अगर किसी कारण से एक बार में कीड़ा बाहर न आये तो एक बार पुन इस प्रक्रिया को दोहरा लें !
*वीरमेदादि तैल का फाहा*

No comments:

Post a Comment

गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)

             *सामग्री* गौ मूत्र      *एक लीटर* नीम पत्र    *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त     *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...