Thursday, 10 January 2019

benefits of drinking gomutra in hindi

गोमूत्र के फायदे 

गोमूत्र लेने का सही तरीका
गौमूत्र लेने का सही समय प्रातःकाल का होता है और इसे पेट साफ करने के बाद खाली पेट लेना चाहिए। गौमूत्र सेवन के 1 घंटे बाद ही भोजन करना चाहिए। पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को सीधे गौमूत्र नहीं लेना चाहिए, गौमूत्र को पानी में मिलाकर लेना चाहिए। पीलिया के रोगी को गौमूत्र नहीं लेना चाहिए। देर रात्रि में गौमूत्र नहीं लेना चाहिए। ग्रीष्म ऋतु में गौमूत्र कम मात्र में लेना चाहिए।

गोमूत्र रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
गोमूत्र को नियमित रूप से पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बहुत सी बीमारियां जल्द ही सरीर को नहीं लगती है।

हृदय के लिए फायदेमंद
दूध देने वाली गाय के मूत्र में “लेक्टोज” की मात्रा आधिक पाई जाती है, जो हृदय और मस्तिष्क के विकारों के लिए उपयोगी होता है।

मोटापा कम करें
गोमूत्र मोटापा कम करने के काम भी आता है, इसके लिए आप एक गिलास पानी में चार बूंद गौमूत्र के साथ दो चम्‍मच शहद और 1 चम्‍मच नींबू का रस मिला कर रोजाना पीने से लाभ मिलता है।

त्वचा रोगो में लाभकारी
गोमूत्र सभी त्वचा रोगो में लाभकारी होता है। गोमूत्र का सेवन करने से सभी त्वचा रोग जैसे एलर्जी, खाज, खुजली और दाद ठीक हो जाते है। गोमूत्र की मालिश करने से त्वचा के सफेद दाद, धब्बे ठीक हो जाते है। 

टी.बी. की बीमारी ठीक करें
नियमित रूप से गोमूत्र का सेवन करने से टी.वी. की बीमारी में जल्द ही आराम मिलता है। टी.बी. की बीमारी में डाट्स की गोलियों का असर गौमूत्र के साथ 20 गुना बढ़ जाता है। सिर्फ गौमूत्र पीने से टी.वी. 3 से 6 महीने में ठीक होती है और डाट्स की गोलियां खाने से टी.बी. 9 महीने में ठीक होती है।

जोड़ों का दर्द दूर करने में फायदेमंद
गोमूत्र जोड़ो का दर्द दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है। अगर दर्द वाली जगह पर गौमूत्र से सेकाई की जाए तो आराम मिलता है। सर्दियों में आप गौमूत्र को सोंठ के साथ पियें, लाभ मिलेगा।

बवासीर में फायदा पहुंचाए
देसी गौ माता के मूत्र का सेवन करने से दोनों प्रकार की बवासीर में फायदा पहुंचता है। इसके लिए आपको हर रोज खाली पेट आधा कप गोमूत्र पीना है। ऐसा करने से जल्द ही आराम मिलेगा।

आँखों के नीचे काले धब्बे ठीक करें
अगर आपकी आँखों के नीचे काले धब्बे है, तो हर रोज सुबह-सुबह गौमूत्र लगाएं, काले धब्बे दूर हो जायेंगे।

No comments:

Post a Comment

गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)

             *सामग्री* गौ मूत्र      *एक लीटर* नीम पत्र    *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त     *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...