☔ बारिश के बाद ही सारे त्यौहार क्यों आते हैं?
🏡 हर पूजा पाठ, कथा, व्रत पूजा में हवन क्यों करते हैं?
🐄 हवन में गाय के गोबर के उपले / कंडे ही क्यों इस्तेमाल करते हैं?
🤷🏻♂ बारिश खत्म होने के बाद दीपावली के समय ही क्यों घरों आदि की लिपाई, पुताई, सफाई होती है?
💫 गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दीपावली, करवा चौथ, देव उठनी सहित हर घर में पूजा हवन क्यों किया जाता है?
बारिश के मौसम में घर बाहर सभी जगह मौसम में आर्द्रता से लाखों करोड़ों प्रकार के हानिकारक सूक्ष्म जीव आ जाते हैं।
हवन, यज्ञ, अग्नि होत्र आदि के धुएँ से वायु में व्याप्त सभी कीट और हानिकारक सूक्ष्म जीव भाग जाते हैं। गाय के गोबर, हवन सामग्री, गाय के घी आदि का प्रयोग वो गैस उत्पन्न करता है जो वायु को शुद्ध करते हुऐ उस क्षेत्र में शुद्ध ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है।
यह वैज्ञानिक रूप से जापान और भारत में भी प्रयोग करके सिद्ध हुआ है।
आज के प्रदूषित वातावरण में जहाँ चारों तरफ हमारे ही द्वारा फेंके गये कचरे, उसकी सड़न, मरने वाले पशु पक्षी के सड़ने से उत्पन्न कीटाणु, नाली की गन्दगी 24 घंटे विषैले कीटाणु पैदा कर रहे हैं।
प्रतिदिन सुबह और शाम घर में अग्निहोत्र करें। पहले यह अग्निहोत्र रोज़ स्नान के पश्चात पूजा और हवन से दिनचर्या में जुड़ा था। उसकी जगह एक 'शार्ट-कट' अगरबत्ती के जलते बाँस से निकलने वाली ज़हरीले गैस न ले ली है।
बाँस कभी जलाया नहीं जाता। अगर जलाना हानिकारक न होता तो किसी के मृत शरीर को श्मशान घाट तक ले जाने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले बाँस को भी चिता में जलाने की परंपरा होती।
परन्तु ऐसा नहीं किया जाता। कारण वही है। बाँस जलाने से ज़हरीली गैस निकलती हैं।
मृत्यु होते ही कंडे जलाये जाते हैं। अंतिम यात्रा में एक व्यक्ति यात्रा के सबसे आगे, मिटटी के पात्र में जलते हुऐ कंडों के साथ आगे चलता है।
जिससे उसका पीछे जाता हुआ धुआं, decompose होते मृत शरीर से निकलने वाले कीटाणुओं से सभी को बचाकर रखे।
सुबह शाम अपने ऑफिस, घर, स्कूल, कॉलेज, खेत आदि जगहों पर अग्निहोत्र करें। मैं प्रतिदिन करता हूँ। इसका लाभ मैंने स्वयं घर में पाया है।
🚩 जय गौ माता 🚩
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