एक गाय से कमाए लाखो
देश मे खाद की आपूर्ति के लिए बहुत बड़ी पूंजी लगाकर बड़े बड़े कारखाने खोले गए फिर भी आज बहुत बड़ी मात्रा मे खाद आयात करना पड़ रही है
यदि इसकी जगह गौमूत्र का प्रयोग यूरिया खाद के रूप मे किया जाय तो विदेशी मुद्रा भी बचेगी और जहर से भी बचा जा सकेगा
गाय जहा खड़ी होती है वहा पर जो गौमूत्र गिरता है उस जगह की मिट्टी को खेतो मे यूरिया की तरह छीटने से वह यूरिया खाद का एक बहुत अच्छा और सफल विकल्प है
कीटनाशक दवाओ से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से पूरा विश्व चिंतित है
इसलिए अनेक देशो ने इस पर पावन्दी लगा रखी है
गौमूत्र मे दस गुना पानी मिलाकर पेड़ पौधो पर छिड़काव किया जाय तो वहा पर कीड़ो से होने वाले नुकसान से बचाव हो सकता है।
भारतीय गाय के गौमूत्र से घनबटी बनाकर सैकड़ो रोगों पर सफलता पूर्वक इलाज किया गया है।
शहरों मे बढ़ते हुए कूड़े की समस्या का भी गाय के गोबर से सफल निदान है।
कुड़े के ढेर पर गाय के गोबर को पानी मे घोलकर छिड़काव कर देने से उसकी दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है
कुड़े के ढेर पर गाय के गोबर को पानी मे घोलकर छिड़काव कर देने से उसकी दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है
उसमे पलने वाले हानिकारक कीड़ो की जगह लाभदायक कीटाणु उतपन्न हो जाते है और यह कूड़ा कुछ ही दिनों मे एक सफल खाद बन जाता है
उसर भूमि मे गायो को बांधकर उसमे कच्चे गोबर गौमूत्र की पर्याप्त मात्रा देने से भूमि का उसरपन बहुत जल्द ठीक होने लगता है।
प्रस्तुति
अखिलेश उपाध्याय
व्रजराज गौशाला एवम् पंचगव्य अनुसन्धान केंद्र रीठी कटनी एम पी
अखिलेश उपाध्याय
व्रजराज गौशाला एवम् पंचगव्य अनुसन्धान केंद्र रीठी कटनी एम पी
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