Monday, 10 September 2018

एक गाय से कमाए लाखो
देश मे खाद की आपूर्ति के लिए बहुत बड़ी पूंजी लगाकर बड़े बड़े कारखाने खोले गए फिर भी आज बहुत बड़ी मात्रा मे खाद आयात करना पड़ रही है
यदि इसकी जगह गौमूत्र का प्रयोग यूरिया खाद के रूप मे किया जाय तो विदेशी मुद्रा भी बचेगी और जहर से भी बचा जा सकेगा
गाय जहा खड़ी होती है वहा पर जो गौमूत्र गिरता है उस जगह की मिट्टी को खेतो मे यूरिया की तरह छीटने से वह यूरिया खाद का एक बहुत अच्छा और सफल विकल्प है
कीटनाशक दवाओ से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से पूरा विश्व चिंतित है
इसलिए अनेक देशो ने इस पर पावन्दी लगा रखी है
गौमूत्र मे दस गुना पानी मिलाकर पेड़ पौधो पर छिड़काव किया जाय तो वहा पर कीड़ो से होने वाले नुकसान से बचाव हो सकता है।
भारतीय गाय के गौमूत्र से घनबटी बनाकर सैकड़ो रोगों पर सफलता पूर्वक इलाज किया गया है।
शहरों मे बढ़ते हुए कूड़े की समस्या का भी गाय के गोबर से सफल निदान है।
कुड़े के ढेर पर गाय के गोबर को पानी मे घोलकर छिड़काव कर देने से उसकी दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है
उसमे पलने वाले हानिकारक कीड़ो की जगह लाभदायक कीटाणु उतपन्न हो जाते है और यह कूड़ा कुछ ही दिनों मे एक सफल खाद बन जाता है
उसर भूमि मे गायो को बांधकर उसमे कच्चे गोबर गौमूत्र की पर्याप्त मात्रा देने से भूमि का उसरपन बहुत जल्द ठीक होने लगता है।
प्रस्तुति
अखिलेश उपाध्याय
व्रजराज गौशाला एवम् पंचगव्य अनुसन्धान केंद्र रीठी कटनी एम पी

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