हमारे आयुर्वेद में दो तरह की औषधि होती है। एक जागृत औषधि दूसरा सुप्त औसधि। जागृत औषधि तुरन्त चमत्कारिक असर करती है।
उदहारण के लिए पहले जब भी लोग बीमार पड़ते थे तो वैध के पास जातें थे। वैध उन्हें आवश्कयता अनुसार तुरंत जड़ी बूटी से औषधि बना कर पिला देते थे और एक या दो खुराक में बीमारी उतर जाती थी।
अब सुप्त औषधी का विज्ञान समझे।
आज जितने भी कम्पनिया औषधि बना रही है। वो बड़े बड़े मशीनों से बना रही है। जिसके कारण उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है। रहा सहा कसर सोडियम बेंजोएट नामक जहर जो औषधियों को सुरक्षित रखने के लिए उनमे मिलाया जाता है । वो उसकी गुणवत्ता को और कम कर देता हैं।
परिणाम ये औषधीय काम नही करती है।
और बदनाम आयुर्वेद होता हैं।
पंचगव्य औषधियो के चमत्कारिक असर का विज्ञान
गौमूत्र कभी खराब नही होता है। और गौमूत्र में किसी भी औषधि को मिलाया जाता हैं तो उसकी शक्ति 20 गुणा बढ़ जाती है।
इसलिए पंचगव्य की औसधि जागृत औसधि की श्रेणी में आती है। जो खराब नही होतीं है। इसमें कोई कैमिकल नही मिलाया जाता है।
जिसका परिणाम यह है कि यह औसधि चमत्कारिक असर करती है।
अगर आयुर्वेद की शक्ति को जानना है तो कृपया एक बार पंचगव्य औसाधियो का सेवन कर के देखे।
गौमाता की कृपा और प्रकृति का वरदान जब किसी औसधि में समाहित हो तो वो कैसे निष्फल हो सकती है।
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