Tuesday, 20 December 2016

गरीब किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने का एकमात्र उपाय गाय


देश में खाद की आपूर्ति के लिए बहुत बड़ी पूंजी लगाकर बड़े-बड़े कारखाने खोले गए. फिर भी आज बहुत बड़ी मात्रा में खाद विदेशो से आयत करनी पड़ रही है. 

यदि इसकी जगह गौमूत्र का प्रयोग यूरिया खाद की तरह किया जाय तो विदेशी मुद्रा भी बचेगी और लाभ भी होगा.

गाय जहा पर खड़ी होती है और जहा गोबर गौमूत्र  गिरता है उस जगह की मिटटी को खेतो में यूरिया की तरह छीटने से वह यूरिया खाद  का एक बहुत अच्छा विकल्प है.

कीट नाशक दवाओं से स्वास्थ्य पर पड़नेवाले विपरीत प्रभाव से पूरा विश्व चिंतित है. 
इसलिए अनेक देशो ने इस पर पावंदी लगा रखी है परन्तु भारत में गोवंश की हो रही उपेक्षा के कारण  सरकार यह हिम्मत नही जुटा पा  रही है.

गोमूत्र में बराबर का पानी मिलाकर  पेड़-पौधों पर छिड़काव किया जाय तो वहां  पर कीड़ो से होने वाले नुकसान से बचाव  हो सकता है.

नगरो में बढ़ते कूड़े की समस्या का भी गाय का गोबर सफल निदान है. कूड़े के ढेर पर  गाय के गोबर को पानी में घोलकर छिड़काव  कर देने से उसकी दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है. 

उसमे पलने वाले हानिकारक कीड़ो की जगह लाभदायक कीटाणु उतपन्न हो जाते और  यह कूड़ा कुछ ही दूनी में एक सफल खाद बन जाता है.

देश में ऊसर भूमि को सुधरने की एक विकट समस्या है. इतने बड़े पैमाने पर ऊसर भूमि और बढ़ते हुए ऊसर दोनों को ठीक एवम नियंत्रित   गोवंश की रक्षा से किया जा सकता है.

ऊसर भूमि में  गायो को बांधकर  उसके कच्चे गोबर गोमूत्र की पर्याप्त मात्रा देने से भूमि का ऊसरपन बहुत जल्द ही ठीक होने लगता है. इसलिए हमारे ऋषि मुनियो ने किसी भी परिस्थिति में गाय के वध का निषेध किया है 

गरीब किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक करने का एकमात्र  उपाय गाय है
किसानों को गोपालन के बारे में ठीक प्रकार से  बताया जाय और वह उस गाय की ठीक से सेवा करे तो दूध न देने वाली  गाय भी उसकी आर्थिक स्थिति को परिवर्तित कर  सकती है

अपने घर में बने चावल के माड़, सब्जी के  छिलके  एवम घास फुस से भी उस गाय का पोषण हो जाता है।  उस गाय से प्राप्त दूध से  किसान का भोजन बन जाता है. गाय का बछड़ा वच्चो का खिलौना होता है.

इस प्रकार वह गाय उसके परिवार का अविभाज्य अंग बन जाती है और हर डेढ़ वर्ष में गाय से मिलने वाला बच्चा उसकी पूंजीगत आय होती है.

गाय के दूध में एक अद्भुत  औषधीय गुण है. 

गाय के दूध से बनी छाछ किसी भी प्रकार के नशे जैसे-गांजा, भांग,, चिलम, तम्बाकू, शराब, हीरोइन, स्मेक इत्यादि से होने वाले प्रभाव ही कम नही करती बल्कि इसके नियमित सेवन से नशे का सेवन करने की इच्छा भी धीरे-धीरे कम हो जाती है.

गाय के दूध में स्वर्ण तत्व पाए जाते है. यह तत्व माँ के दूध के अतिरिक्त दुनिया में अन्य किसी भी पदार्थ में नहीं मिलता। यह बुद्धिवर्धक, बलवर्धक एवम स्वास्थ्यवर्धक भी है.

इस प्रकार गाय तथा गोवंश हमारे लिए हर दृष्टि से उपयोगी है. आज इसके व्यवहारिक रूप को समझने की विशेष आवश्यकता है.

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