दमा/asthma में गोबर का रस नाक में 2-2 बून्द डालने से तत्काल लाभ
*गोबर से घरेलू उपचार*
शास्त्रोक्त पद्धति से निर्माण की गयी औषधियों के अलावा गोबर को घरेलू उपचार पद्धति से भी उपयोग में लाया जा सकता है।
शास्त्रोक्त पद्धति से निर्माण की गयी औषधियों के अलावा गोबर को घरेलू उपचार पद्धति से भी उपयोग में लाया जा सकता है।
1) वातावरण
की शुद्धि में, धुप हवन
आदि में प्रमुखतः गोबर का उपयोग किया जाता है।
प्राचीन
काल से ही घर की लिपाई पुताई करने के लिए गोबर का उपयोग होता है।
गोबर
सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को सोख लेता है जिसके कारण हम इनसे सुरक्षित रहते
है।
अतः
हजारो रोगों से अनजाने में बचने के लिए गोबर से घर आँगन की लिपाई पुताई करे।
2) श्वास
रोग (दमा/asthma) में
गोबर का रस निकालकर नाक में 2-2
बून्द
डालने से तत्काल लाभ होता है।
3) नाक से
रक्त आने में केवल गोबर के कण्डे की गंध लेने से रक्त आना बंद हो जाता है।
4) गोबर
में विटामिन B 12 अत्यधिक
मात्रा में पाया जाता है
5) पतले
दस्त (diarrhoea) की
अवस्था में गोबर का रस पीने से लाभ होता है।
6) विभिन्न
प्रकार के दांत के विकार में गोमय भस्म (गोबर की राख) का मंजन के रूप में उपयोग
लाभदायक होता है।
7) गोबर एक
सुलभ, सहज
प्राप्त कीटाणुनाशक है।
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