Wednesday 16 November 2016

गोबर की खाद

सरल तरीके से किसान गोबर की खाद केसे बनाये 

मेरे बहुत सारे दोस्तों ने मुझेसे खाद के बारे में जानकारियां मागी तो आज हम इस पोस्ट खाद बनाने की विधिया बताउगा। 1गोबर की खाद
2कंपोस्ट खाद
और अगली पोस्ट में बाकी जो और खाद बनाने की जो विधिया हे वो बताउगा ।

1 गोबर की खाद:-
गोबर की खाद बनाना बहुत सरल होता हे किसानो के घर पर जो गाय भेस बेल या अन्य पालतू पशु से जो गोबर प्राप्त होता हे उसेसे गोबर खाद तैयार किया जाता हे खाद बनाने के लिए विधि बताता हु।
 विधि:-
इसमे जमीन के अंदर 20से25 फिट लंबे और 5से 7 फिट  चौडे एवम 10फिट गहरा गड्डा बनाना पड़ता हे
ये गड्डा पशुओ की संख्या के अनुसार छोटा मोटा भी कर सकते है।
अब उसमे गोबर और पशुओ के खाया हुआ चारा सुखला आदि जो बचा हुआ पर्दाथ को उस खड्डे में डाला जाता हे
फिर उसमें पानी डाला जाता हे उस गड्ढे को गोबर और पानी से भर के ऊपर गोबर से ढक दिया जाता हे 3 महीने में सारा गोबर सड़ कर एक अछी खाद बन जाती है। इस खाद में  इस खाद में नाइट्रोजन,फास्फोरस,और पोटाश की मात्रा होती है।
काम्पोस्ट खाद की  विधि:-
इस विधि में जमीन के ऊपर इटो की चोकोर दीवाल बनाई जाती हे उसमे जाली दार दिवाल बनाई जाती हे ताकि पर्याप्त् मात्रा में हवा मिलती रहे इसकी लम्बाई 25 फिट और चौड़ाई 5फिट और उचाई 4 से 6फिट तक होती हे।इस विधि में थोड़े से गोबर से भी ज्यदा खाद बन जाती हे सबसे पहले निचे गोबर को पानी मिला कर पतला लेप कर दे फिर सड़ा हुआ घास फुस और पत्तो को एक फिट तक भर दे बाद में फिर आधे फिट की गोबर की लेप कर दे उसके बाद उसपर मिट्ठी का एक फिट लेप कर दे और उसे पानी से गिला कर दे हो सके तो गो मूत्र भी डाल दे उसके बाद वापिस एक डेढ फिट गोबर का लेप से अच्छी तरह से ढक दे फिर उसपर त्रिपाल या प्लास्टिक से ढक दे ।फिर 2 से 3 माह के बिच खाद बन कर तैयार हो जाता हे इस विधि में खासकर के ये ध्यान रखना होता है की वो ही घास या फसलो के उपविष्ट पर्दाथ डाले जिसमे बीज आदि ना हो वरना खेतो में निदाई गुड़ाई का खर्चा अधिक आ जायेगा
ये बहुत ही साधरण तरीके हे जिससे आप अच्छी खाद बना सकते है।
अगली पोस्ट में हम खाद की सभी वैज्ञानिक और पारंपरिक तरीको पर चर्चा करेगे
इस तरीके के जानकारियां पाते रहने के लिए subcrib करे और फेसबुक पेज like जरूर करे।

No comments:

Post a Comment

गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)

             *सामग्री* गौ मूत्र      *एक लीटर* नीम पत्र    *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त     *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...