एक महिला की टांग और पैरो में एग्जिमा रोग भयंकर रूप में था. एलोपैथिक, आयुर्वेदिक आदि अनेक प्रकार की चिकित्साए की गयी. पर लाभ नहीं पहुच. अकस्मात् एक महात्मा का उनके पास आगमन हुआ. उन्होंने बताया की गोमूत्र से पैरो को प्रतिदिन भिगोते रहो, उससे यह रोग दूर हो जाएगा, उन्होंने तीन मॉस तक वैसा ही किया और वह रोग दूर हो गया . उसके बाद वह फिर कभी नहीं हुआ
Sunday, 18 August 2013
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)
*सामग्री* गौ मूत्र *एक लीटर* नीम पत्र *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...
-
प्रणाम भाई साहब.... *जाके बल लवलेश ते जितेहु चराचर झारि* *तासु दूत मैं जाकर हरि आनेहु प्रिय नारि।।* इस दोहे को समझाने की कृपा ...
-
COW is called gaaya (गाय) in Hindi and gau (गौ) in Sanskrit. The word gau is derived from the verb gama (गम्), which means, "...
No comments:
Post a Comment