Saturday 10 November 2018

ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है


ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है

क्या आप जानते हैं, कि हल्दी वाले दूध के एक नहीं अनेक फायदे हैं? नहीं जानते तो हम बता रहे हैं-
हल्दी अपने एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों के लिए जानी जाती है, और दूध, कैल्शि‍यम का स्त्रोत होने के साथ ही शरीर और दिमाग के लिए अमृत के समान हैं। लेकिन जब दोनों के गुणों को मिला दिया जाए, तो यह मेल आपके लिए और भी बेहतर साबित होता है, जानते हैं कैसे -

1 जब चोट लग जाए - यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।

2 शारीरिक दर्द - शरीर के दर्द में हल्दी वाला दूध आराम देता है। हाथ पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें।

3 त्वचा हो साफ और खूबसूरत - दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन, एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे - इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। इससे आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ और चमकदार दिखाई देती है।

4 सर्दी होने पर - सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ भी निकल जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

5 हड्डियां बने मजबूत - दूध में कैल्श‍ियम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हल्दी के गुणों के कारण रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे हड्डी संबंधि‍त अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस में कमी आती है।

6 जब नींद न आए - यदि आपको किसी भी कारण से नींद नहीं आ रही है, तो आपके लिए सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा है, हल्दी वाला दूध। बस रात को भोजन के बाद सोने के आधे घंटे पहले हल्दी वाला दूध पीएं, और देखि‍ए कमाल।

7 पाचन तंत्र हो गड़बड़ - हल्दी वाले दूध का सेवन, आपकी आंतो को स्वस्थ रखकर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। पेट के अल्सर, डायरिया, अपच, कोलाइटिस एवं बवासीर जैसी समस्याओं में भी हल्दी वाला दूध फायदेमंद है।

8 जोड़ों के लिए असरकारी - हल्दी वाले दूध का प्रतिदिन सेवन, गठिया- बाय, जकड़न को दूर करता है, साथ ही जोड़ों मांसपेशियों को लचीला बनाता है।

9 ब्लड शुगर कम करे - खून में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने पर हल्दी वाले दूध का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।लेकिन अत्यधि‍क सेवन शुगर को अत्यधि‍क कम कर सकता है, इस बात का ध्यान रखें।

10 सांस की तकलीफ - हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटी माइक्रो बैक्टीरियल गुण, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, फेफड़ों में जकड़न व कफ से राहत देने में सहायता करते हैं। गर्म दूध के सेवन से शरीर में गर्मी का संचार होता है जिससे सांस की तकलीफ में आराम मिलता है।

11 वायरल संक्रमण - में आए बदलाव एवं अन्य कारणों से होने वाले वायरल संक्रमण में हल्दी वाला दूध सबसे बेहतर उपाय है, जो आपको संक्रमण से बचाता है।:

 इन लोगों को सुबह उठकर खाली पेट पीना चाहिए हल्दी का पानीहल्दी का पानी पीने के फायदे हमारे बड़े-बुजुर्ग या डॉक्टर हमेशा एक सलाह देते हैं कि हमें सुबह उठते ही खाली पेट गुनगुना पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से पेट आसानी से साफ हो जाता है और जिन लोगों को एसिडिटी की प्रॉब्लम है उन्हें भी राहत मिलती है।

लेकिन अहम आपको आज यह सलाह देंगे कि इस गुनगुने पानी में आप एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीयें, जानते हैं क्यों?

हल्दी के फायदे यह तो सभी जानते हैं कि हल्दी को एंटी सेप्टिक कहा जाता है। यह हमें विभिन्न संक्रमणों से लड़ने की ताकत प्रदान करती है। चाहे अंदरूनी घाव हो या शरीर के बाहर के घाव, यह उन्हें भरने का काम करती है। इसलिए भारतीय परिवारों में हल्दी को अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाता है।

सुबह पीएं हल्दी का पानी किंतु आज हम आपको गुणों की खान हल्दी के कुछ ऐसे फायदे बताने जा रहे हैं जो हमें सुबह-सुबह हासिल हो सकते हैं। इसके लिए केवल गुनगुना पानी और एक चम्मच हल्दी उसमें मिलानी है और उसे सुबह खाली पेट ही पीना है। लेकिन इससे क्या लाभ होगा, आइए जानते हैं...

जलन कम करे सुबह उठने के बाद यदि आप हल्दी वाला गुनगुना पानी पीयेंगे तो इससे पेट और छाती की जलन कम हो जाती है। हम में से ऐसे कई लोग हैं जिन्हें रात को अधिक खाना खाने के बाद सुबह उठते ही जलन महसूस होने लगती है और फिर यह जलन पूरा दिन परेशान करती है। ऐसे में हल्दी वाला पानी राहत देता है।

हल्दी पानी के फायदे जिन लोगों को हमेशा ही जलन या एसिडिटी जैसी तकलीफ रहती है उन्हें रोजाना यह पानी अवश्य पीना चाहिए। एक हफ्ते में ही असर दिखने लगेगा।

मानसिक बीमारियों का इलाज एक शोध के अनुसार हल्दी के मौजूद कर्कमिनतत्व हमारे दिमाग के लिए फायदेमंद सिद्ध होता है। दरअसल मानसिक बीमारियों को बचाने के लिए जिस ब्रेन-डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर की आवश्यक्ता होती है, वह हल्दी के कर्कमिन तत्व से ही मिलता है। और यदि यह सुबह लिया जाए, जिस समय दिमाग फ्रेश होता है, तो अधिक काम करता है।

कैंसर से बचाए हल्दी का पानी एंटी-ऑसीडेंट होता है यानि कि प्रतिउपचायक होता है। यह पानी शरीर में उन तत्वों को पैदा नहीं होने देता जो कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करते हैं।

हृदय और पेट के लिए है अच्छा सुबह खाली पेट हल्दी का पानी पीने से हमारी पाचन शक्ति मजबूत बनती है। पेट साफ होता है और पूरे दिन अच्छी भूख लगती है। इसके अलावा यह हल्दी शरीर के एक्स्ट्रा फैट और कॉलेस्ट्राल को काटकर दिल को भी दुरुस्त बनाए रखने का काम करती है।

जिन्हें हो गठिया रोग हल्दी का पानी उन लोगों के लिए बेहद रामबाण इलाज सिद्ध होता है जिन्हें गठिया रोग हो। वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक शोध के अनुसार हल्दी जोड़ों के दर्द में राहत दिलाती, खासतौर से तब जब इसका तरल पदार्थ के रूप में सेवन किया जाए।

मधुमेह का करे इलाज वर्ष 2009 में हुए एक शोध की मानें तो हल्दी का सेवन मधुमेह को कंट्रोल करने का काम करता है। यह मधुमेह के बढ़ते स्तर को काबू में रखता है। इसके अलावा गुर्दे के लिए भी लाभकारी है हल्दी का पानी।








हल्दी के फायदे और 42 औषधीय गुण

हल्दी जिसको Turmeric (Curcuma Longa) कहा जाता है यह पीसकर सब्जियों में मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी अपने गुणकारी रासायनिक तत्वों के कारण औषधि के समान लाभदायक होती है। हल्दी में खून साफ़ करने और सूजन को ठीक करने के मजबूत गुणकारी तत्व होते हैं।

अधिकांश परिवारों में सूखी हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे कच्ची हल्दी भी बहुत गुणकारी होती है। आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार हल्दी तिक्त, उष्ण, रक्तशोधक, शोथनाशक और वायु विकारों को नष्ट करने वाली होती है। हल्दी की तासीर गर्म होती हैं |

हल्दी के सेवन से पेट में छिपे जीवाणु नष्ट होते हैं। हल्दी Penicillin तथा Streptomycin की तरह ही कीटाणुनाशक है। वात, पित्त, कफ के विकारों में हल्दी से फायदा होता है।

हल्दी की उत्पति जमीन के भीतर जड़ के रूप में होती है जमीन के उपर सिर्फ हरा पौधा दिखाई देता हैं | हल्दी का पौधा 2 फीट तक ऊँचे होते हैं | इन पौधों से धीमी धीमी सुगंध निकलती रहती है।

इसके पत्ते केले के पत्तो की तरह काफी चौड़े होते हैं। हल्दी में एक विशेष प्रकार का उड़नशील तेल 5.8% होता है।

 तेल में करक्यूमिन नामक टरपेन्ट (Terpent) होता है जो रक्त की धमनियों में एकत्र Cholesterol को घोलने की क्षमता रखता है। इसके अतिरिक्त हल्दी में Vitamin ‘A’, Protein 6.3%, Carbohydrate 69.4% और खनिज तत्व 3.5% मात्रा में होते हैं। हल्दी में जीवाणुओं को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति होती है।

कच्ची हल्दी को पानी में उबालकर, उसकी महक खत्म करके सुखाकर हल्दी तैयार की जाती है। हल्दी में वातनाशक गुणकारी तत्व होते हैं।

हल्दी के सेवन से फोड़े-फुसियां व खाज-खुजली के विकार भी नष्ट होते हैं। हल्दी के रस के सेवन से पेट की पाचन सम्बंधी क्षमता विकसित होती है। इनमे से आप चाहे जो भी नुस्खा आजमायें पर याद रखें,

हल्दी ताजी पिसी या साबुत होनी चाहिए बाजार में मिलने वाला हल्दी पाउडर प्रयोग ना करें क्योंकि एक तो लंबे समय तक पड़े रहने की वजह से हल्दी की शक्ति आधी रह जाती है, और दूसरे ज्यादातर रेडिमेड हल्दी पाउडर में रंग की मिलावट होती है |

हल्दी के फायदे और चमत्कारिक औषधीय गुण :
हल्दी के फायदे और औषधीय गुण हल्दी के फायदे और औषधीय गुण

1 चम्मच हल्दी के पाउडर को प्रतिदिन 1 गिलास गुनगुने दूध के साथ पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक- क्षमता बढती है।
सर्दी, जुकाम आदि नहीं होते।
शरीर के दर्द, चोट व पीड़ा में भी फायदा होता है।
मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी मिलाकर कुल्ला करने से आराम मिलता हैं |

हल्दी, नमक में थोड़ा सा सरसों के तेल को मिलाकर अंगुली से प्रतिदिन मसूड़ों की मालिश करना पायरिया, मुंह की बदबू व दांतों के रोग में अत्यन्त लाभकारी है।

2 चम्मच हल्दी, आधा किलो बिना मलाई वाले दही में मिलाकर दिन में 3 बार खायें। पीलिया की बीमारी में लाभ होता हैं ।

1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी, 10 काली मिर्चों का पाउडर मिलाकर सुबह-शाम पियें। ठंड लगकर आने वाला Fever, गला बैठना आदि बीमारी ठीक हो जाएगी।

फ़ूड पोइजनिंग से उलटी-दस्त होने पर, 1 चम्मच हल्दी, 1 कप पानी में घोलकर, रोजाना 2 बार पीने से पेट के रोग ठीक हो जाते हैं।

पुराने दस्तों में 1 चम्मच हल्दी, 1 कप छाछ में घोलकर रोजाना 2 बार कुछ सप्ताह पीने से फायदा होता है।

हल्दी और शहद मिलाकर खाने से फायदे : आधी चम्मच हल्दी को थोड़ा भूनकर शहद से लेने से गला बैठना या खांसी में तुरन्त लाभ होता है।

 हल्दी और मिसरी को पीसकर शहद में मिलाकर सेवन करने से ठंड से होने वाले छोटे-मोटे रोग ठीक हो जाते हैं |

हल्दी का चूर्ण, आंवले का रस 10 ग्राम और शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

दूध हल्दी और शहद हल्दी और शहद से लाभ उठाने के लिए एक चम्मच पिसी हुई कच्ची हल्दी, एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से शरीर में कहीं भी दर्द हो, कमर दर्द, सिरदर्द हो, ठीक हो जाता है। दूध में चीनी नहीं डालें। फीका या शहद मिलाकर दूध पियें।

यदि कहीं कट या जल जाए तो हल्दी के पाउडर को लगाने से खून का बहना बन्द हो जाता है। त्वचा जलने पर फफोला भी नहीं पड़ता है।

सोने से पहले हल्दी दूध लाभ : एक चम्मच हल्दी को एक गिलास गर्म दूध के साथ पीने से हड्डियाँ मजबूत रहती है और अस्थमा भी कंट्रोल में रहता हैं |

सोने से पहले हल्दी दूध पीने से जोड़ो में दर्द से छुटकारा मिलता है जोड़ो की सूजन और मांसपेशियों की ऐंठन भी कम हो जाती हैं |

शरीर में कहीं मोच आ जाए तो एक मोटी रोटी बनाकर, उस पर सरसों का तेल व हल्दी डालकर, गर्म रोटी को मोच वाले स्थान पर बाँधने से सूजन व मोच में तुरन्त फायदा होता है।

कच्ची हल्दी के रस का सेवन करने से आंत्रकृमि (पेट के कीड़े) जल्दी नष्ट होते हैं।

हल्दी के चूर्ण को पानी में मिलाकर फोड़े-फुसियां और जख्म धोने से बहुत लाभ होता है | यह एक हर्बल antiseptic होता हैं |

हल्दी के रस का प्रतिदिन सेवन करने से कुष्ठ रोग में बहुत लाभ होता है।

हल्दी का चूर्ण 3 ग्राम और सेंधा नमक 2 ग्राम मात्रा में मिलाकर हल्के गर्म जल से लेने से पेट की गैस से मुक्ति मिलती हैं |

हल्दी के साथ काली मुनक्का, इन दोनों को मिलाकर लेने से भी गैस की समस्या, पेट में जलन, खट्टी डकारें, एसिडिटी से निजात मिलती हैं |

 Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार
उबले हुए दूध के साथ 2-3 ग्राम हल्दी के चूर्ण सेवन करने से जुकाम ठीक होता है।

हल्दी और दूध का संयोग कई बीमारियों के उपचार के काम आता हैं |

कच्ची हल्दी के रस में चुकंदर के पत्तों का रस मिलाकर सिर में लगाने से बाल सुंदर व् आकर्षक घने हो जाते हैं |
ग्वारपाठे (एलोवेरा) के गूदे के साथ हल्दी को पीसकर अर्श रोग (Piles) में मस्सों पर लेप करने से आराम मिलता हैं।

हल्दी और मेथी के दानों का चूर्ण सुबह पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग में बहुत फायदा होता है।

ग्वारपाठे के गूदे के साथ हल्दी को पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों की जलन, सूजन ठीक होती है।

गठिया होने पर हल्दी के लड्डू खाने से फायदा होता है।

एलोवेरा के नुस्खे : दाद, खुजली, घाव, फोड़े-फुंसियों और जली त्वचा के लिए आधी चम्मच हल्दी, एक चम्मच पिसा हुआ आंवला मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से खून साफ होता है।

हल्दी रक्त साफ करती है।

 हल्दी के सेवन सम्बंधी सुझाव- हल्दी का सेवन कम मात्रा में शुरू करते हुए धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाते जायें और लम्बे समय तक सेवन करते रहें।

1 या 2 चम्मच हल्दी से अधिक एक बार में सेवन नहीं करें।
हल्दी का सेवन पानी या दूध से करें।
बाह्य लेप और आन्तरिक सेवन दोनों प्रकार से प्रयोग करने पर शीघ्र लाभ होता है।
हृदय रोगी हल्दी का प्रयोग कम-से-कम करें।
गर्भवती महिला हल्दी को दूध या पानी के साथ बिलकुल सेवन ना करें |

दर्द में आमी हल्दी अधिक लाभ करती है। यदि यह उपलब्ध नहीं हो तो रसोई में मौजूद हल्दी का प्रयोग करें।
हल्दी दूध के फायदे बहुत है अगर आप इनको सही ढंग से नियमित रूप से प्रयोग करें तो |

खून की कमी दूर करने के लिए हल्दी के गुणों का बहुत महत्त्व है क्योंकि हल्दी में लौह तत्व होता है।

दो चम्मच कच्ची हल्दी के रस में दो चम्मच शहद, चौथाई कप पानी को मिलाकर रोजाना दो बार पियें।

आधा चम्मच हल्दी के पाउडर को गर्म दूध से दिन में दो बार पीने से जब तक प्लास्टर रहे, सेवन करते रहने से हड्डी जुड़ जाती है।

चोट-घाव को ठीक करने के लिए हल्दी के उपयोग : त्वचा पर कैसे भी निशान हो, काले-सफेद, फोड़े-फुंसी, चोट, दर्द, मोच आयी हो, चोट के कारण दर्द, सूजन रक्त जम गया हो, घाव हो, काँटा चुभ गया हो, किसी भी कारण से दर्द हो, जोड़ों का दर्द हो, इन सभी बीमारियों में हल्दी का नीचे बताये अनुसार उपयोग करें, आपको जरुर फायदा होगा |

 दो बड़े चम्मच हल्दी और एक बड़ा चम्मच देशी घी लेकर दोनों को गर्म करके किसी सूती कपड़े में रखकर गोल पोटली बना लें | इसके बाद इससे दर्द वाली जगह पर अच्छी तरह सिकाई करें, इसके पश्चात् पोटली खोलकर घी और हल्दी के पेस्ट को घाव वाली जगह पर फैलाकर उस पर रूई रखकर पट्टी बांध दे |

घाव भरने, दर्द, सूजन दूर करने का यह बेहतरीन उपाय हैं |
 चोट लगने पर थोड़ा-सा घी या सरसों का तेल, पिसी हुई हल्दी दो चम्मच, प्याज का रस दो चम्मच, गेहूँ का आटा दो चम्मच सबको हलुए की तरह पकाकर गर्मा-गर्म लेप करें।

12 हल्दी फेस पैक : चमकता चेहरा और बेदाग त्वचा के लिए आधा लीटर उबलते हुए पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक, एक चम्मच हल्दी डालें, फिर हिलायें। बर्तन को उतारकर, ढककर रख दें। जब यह पानी सेंकने लायक हो जाये तो किसी कपड़े को भिगोकर चोट वाले अंग को सेंकने से दर्द में आराम मिलेगा।

दांत के लिए हल्दी के उपयोग : गैस पर हल्दी की गाँठें जलाकर इस जली हुई हल्दी को पीसकर उसमें समान मात्रा में पिसी हुई अजवायन मिला लें। इससे रोजाना मंजन करें। हिलते दाँत मजबूत हो जायेंगे।

दाँत-दर्द ठीक करने के लिए दो चम्मच हल्दी के पाउडर में दो चम्मच पिसी हुई सफेद फिटकरी, 100 ग्राम बहुत बारीक पिसा हुआ नमक- ये सब मिलाकर रख लें। आधा चम्मच यह पाउडर और 10 बूंद सरसों का तेल मिलाकर रोजाना मंजन करें। दाँतों में पानी लगना, हिलना, दर्द दूर होगा। इससे दाँत साफ होकर चमकने लगेंगे।

दांतों का पीलापन दूर करने के बेहतरीन घरेलू उपाय सरसों के तेल में हल्दी और नमक मिलाकर मंजन करने से दाँत साफ हो जाते हैं, मसूढ़ों को सूजन व पीलापन दूर हो जाता है।

आँखों के लिए हल्दी के उपयोग : आँखों के दुखने पर पिसी हुई हल्दी में पानी डालकर सफेद पतला कपड़ा रंग लें। हल्दी के रंग में रंगे इस कपड़े को दुखती आँखों पर रखकर ऊपर से पट्टी बाँधे।

आँख आने पर घरेलू उपचार, कारण, लक्षण आधा चम्मच हल्दी में 5 बूंदें घी की डालकर गर्म करके पलकों पर लगायें। इससे आँखों का दर्द कम हो जाता है।

1 चम्मच हल्दी 1 गिलास पानी में घोलकर, उबालकर, छानकर रोजाना 2 बार आँखे धोयें। आंखें बन्द रखें जिससे हल्दी का पानी अन्दर नहीं जाए और सिकाई भी हो जाए। इससे आँखों की लाली, सूजन, आँखों से पानी गिरना आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
आँखों में लाली और टीस जैसा दर्द हो, पीव आती हो तो एक चम्मच हल्दी पिसी हुई, आधा लीटर पानी में इतना उबालें कि चौथाई पानी रह जाए। फिर उसे बारीक कपड़े में छानकर सुबह-शाम आंख में डालने से लाभ होता है। यह हर तीसरे दिन ताजा बनाकर काम में लें। आँखों में लाली, शोथ, पानी बहने की बीमारी में लाभ होता है।

आंखों की आम समस्याओं के लिए कुछ आसान उपाय आंख की पलको पर फुंसी हो जाने पर चुटकी भर हल्दी में दो बूंद घी मिलाकर लगाने से फायदा होता है।

कैंसर को रोकने में भी उपयोगी है हल्दी हल्दी के औषधीय गुणों का उपयोग केवल छोटे-मोटे रोगों को ही ठीक करने में ही नही है, बल्कि हल्दी कैंसर जैसे जानलेवा रोग को दूर रखने में भी उपयोगी है क्योंकि इसमें एक विशेष प्रकार का अल्कलायड कर्कुमिन तत्व पाया जाता है जो कैंसर विरोधी है।

हल्दी के लगातार सेवन से शरीर में म्यूटाजेन का निर्माण नहीं होता। म्यूटाजेन शरीर की कोशिकाओं के डीएनए को क्षति पहुँचाता है। कैंसर से बचने के लिए आधा चम्मच हल्दी प्रतिदिन एक बार पानी या दूध से सेवन करें।


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