Tuesday, 16 October 2018

प्राकृतिक स्वाद एवं पोषणयुक्त रोटी

प्राकृतिक स्वाद एवं पोषणयुक्त रोटी तथा स्वादिष्ट चटनियां
🔘आटा अम्लीय होता है,, मात्र चोकर वाला अंश क्षारीय होता है। । मानवीय स्वास्थ्य के लिए रोटी को प्राकृतिक गुणों से भरपूर बनाने का तरीक़ा यह है कि रोटी बनाने वाले आटे में शाक सब्जियों को पीसकर या उनका रस मिलाकर रोटी बनाएं। । यहां पर कुछ तरीके प्रयोग के तौर पर दिए गए हैं--
🔘 (1) मूली की रोटी-- मूली को कसकर आटे में मिला दें,, स्वादानुसार सेंधा नमक,, काली मिर्च,, अजवायन,, जीरा,, हल्दी मिलाकर आटा गूंथकर आधे घंटे बाद रोटी बना लें। ।
लाभ-- बवासीर,, कब्ज दूर करता है। । लीवर को बल मिलता है। ।
🔘(2) बथुआ की रोटी-- बथुआ की पत्तियों को धोकर,, पीसकर आटे में मिलाकर रोटी बनाएं। । स्वादानुसार क्र0 1 के अनुसार खाद्य मसाले डालें। ।
लाभ-- रक्तवृद्धि,, रक्तशुद्धि,, वात दोश नाशक,, जीवनीशक्ति वर्द्धक। ।
🔘(3) पालक की रोटी-- पालक के पत्ते धोकर पीस लें तथा इसमें नमक,, जीरा,, अजवायन,, सेंधा नमक मिलाकर रोटी बनाएं। ।
लाभ-- कब्ज निवृत्ति तथा एनीमिया में लाभप्रद। ।
🔘(4) लौकी की रोटी-- आटे में लौकी का रस मिलाकर उपरोक्त विधि के अनुसार जीरा,, सेंधा नमक मिलाकर आटे को गूंथकर रोटी बनाकर खाएं। ।
लाभ-- यह रोटी उच्च रक्तचाप,, हृदय रोग से बचाती है। ।
🔘(5) मेथी की रोटी-- मेथी के पत्तों को धोकर,, पीसकर आटे में गूंथकर रोटी बनाएं। । स्वाद के लिए सेंधा नमक,, जीरा अजवायन,, काली मिर्च मिलाएं।।
लाभ-- रक्तशोधक,, वातरोगनाशक, कब्ज नाशक।।
🔘(6) एलोवेरा की रोटी-- एलोवेरा के पत्तों को धोकर चाकू से ऊपर का छिलका हटाकर गूदे को निकाल कर छान लें। । इसमें धनियां,, जीरा,, अजवायन,, सेंधा नमक,, काली मिर्च,, हल्दी मिलाकर आटे को गूंथकर रोटी बनाकर खाएं। ।
लाभ-- संधिवात,, गठिया इत्यादि वातरोगों में लाभप्रद। । यकृत अमाशय एवं आंतों के रोग से बचाव।। आंतो के कैंसर से बचाव करता है। ।
🔘(7) आलू की रोटी-- आलू को कद्दू कस करके,, कपड़े मे रखकर दबा कर पानी निचोड़ कर आटे में मिला लें तथा स्वादानुसार नमक,, जीरा,, अजवायन,, धनिया हल्दी मिलाकर रोटी बनाएं। ।
लाभ-- यह रोटी नेत्रज्योति बढ़ाती है तथा रक्तशोधक है।।
🔘घी या तेल के परांठे-- यकृत के लिए हानिकारक होते हैं। । अतः परांठों के स्थान पर उपरोक्तानुसार रोटियां बनाकर खाएं तथा रोटी बनने के बाद घी लगा कर सेवन कर सकते हैं परन्तु हृदय के रोगियों को घी का सेवन नहीं करना चाहिए। ।
🔘प्राकृतिक सात्विक स्वादिष्ट चटनियां खाएं-- भोजन में रुचि जगाने के लिए प्राकृतिक तरीके से चटनी बनाएं। । इनमें स्वाद तो होता ही है सभी पोषक तत्व भी न पकाने की वजह से सुरक्षित रहते हैं जो हमारी सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है। । सभी विटामिन्स एवं खनिज लवणों से युक्त चटनी अपने भोजन में सम्मिलित कर भोजन का स्वाद बढ़ाएं।।
अमरूद की चटनी-- 100 ग्राम अमरूद,, 50 ग्राम अनारदाना तथा 1-2 हरी मिर्च,, काला नमक,, सफेद नमक स्वादानुसार मिलाकर पीस लें। । यह चटनी कब्ज निवारक होती है ।।
पुदीने की चटनी-- पुदीने की पत्तियां 100 ग्राम तथा 50 ग्राम धनिया पत्ती,, 100 ग्राम दही 1-2 हरी मिर्च स्वादानुसार नमक मिलाकर पीस लें। । यह चटनी गैस अपच को दूर करती है। ।
टमाटर की चटनी-- 100 ग्राम टमाटर 50 ग्राम धनिया पत्ती,, 2 हरी मिर्च,, 20 ग्राम अदरक तथा स्वादानुसार नमक,, जीरा,, भुनी हुई हींग मिलाकर पीस लें। । यह चटपटी चटनी भूख बढ़ाती है। । इससे जठराग्नि तेज होती है। ।
नारियल की चटनी-- कच्चा नारियल 100 ग्राम धनिया पत्ती 50 ग्राम 2 हरी मिर्च नमक तथा भुना हुआ जीरा अजवायन स्वादानुसार मिलाकर थोड़ा पानी मिला लें जिससे पीसने में आसानी हो। । यह चटनी स्वाद बढ़ाने के लिए तथा संधिवात में लाभदायक है। ।
मूंगफली की चटनी-- मूंगफली के दाने 50 ग्राम लेकर 200 ग्राम पानी में 8 घंटे भिगो कर रखें तत्पश्चात उसे 50 ग्राम दही 50 ग्राम धनिया पत्ती 2 हरी मिर्च तथा भुना हुआ जीरा अजवायन हींग के साथ पीस लें। । चटनी तैयार है। ।
आंवला की चटनी--100 ग्राम आंवला बिना गुठली के,, धनिया पत्ती 100 ग्राम,, अदरक,, हरी मिर्च,, नमक,, जीरा,, अजवायन मिलाकर पीस लें। । यह चटनी विटामिन सी से भरपूर है।। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। ।
धनिया की चटनी-- धनिया पत्ती 100 ग्राम मुनक्का 20 ग्राम खजूर 20 ग्राम अदरक 10 ग्राम हरी मिर्च काला नमक दही जीरा काली मिर्च अजवायन को स्वादानुसार मिलाकर पीसकर नीबू का रस मिलाकर आंवला उपलब्ध है तो पीसकर मिला दें। । यह चटनी पाचक स्वादिष्ट एवं पित्त नाशक होता है। ।
पालक की चटनी-- पालक 100 ग्राम, मूली धनिया 50-50 ग्राम,, हरी मिर्च,, अदरक,, गुड़,, काला नमक,, सेंधा नमक तथा आंवला,, अजवायन स्वादानुसार मिलाएं। । चटनी तैयार है। । यह चटनी बहुमूत्र विकार दूर करती है। ।
इमली की चटनी-- 50 ग्राम पकी इमली को गरम पानी में आधा घंटा भिगो कर रखें तत्पश्चात मसलकर छान लें। । इसमें हरी मिर्च,, हींग,, जीरा,, अजवायन, पुदीना,, अदरक एवं गुड़ मिलाकर पीस लें। । यह चटनी पेचिस के रोगियों के लिए लाभप्रद होती है ।।
किसमिश की चटनी-- 50 ग्राम किसमिस 50 ग्राम अनारदाना छुहारा 50 ग्राम 8 घंटे पानी में भिगो कर रखें।। छुहारे की गुठली निकाल दें। । नारियल 50 ग्राम तथा पुदीना,, धनिया,, काली मिर्च,, हरी मिर्च तथा नमक स्वादानुसार मिलाकर पीस लें थोड़ा सा नीबू का रस मिला दें। । यह चटनी एनीमिया दूर करती है ,, खून बढ़ाती हैं। ।
तिल की चटनी-- 100 ग्राम तिल 10 ग्राम सौंफ 10 ग्राम मुनक्का 2 अंजीर को 8-10 घंटे पानी में भिगो कर रखें तत्पश्चात नमक हरी मिर्च जीरा अजवायन भुने हुए आदि स्वादानुसार मिलाकर चटनी बनाएं। यह चटनी लीवर के रोगों में लाभदायक और पौष्टिक है। । हड्डी मजबूत करती है। कैल्सियम की कमी दूर करती है ।।
खजूर की चटनी-- खजूर 100 ग्राम लौकी 50 ग्राम बंदगोभी 50 ग्राम अमरूद 50 ग्राम (बिना बीज,, गुठली के) अजवायन हरी मिर्च धनिया अदरक नीबू का रस सेंधा नमक स्वादानुसार मिलाकर पीस लें। । यह चटनी कब्ज दूर करती है ,, रक्तचाप संतुलित करती है तथा हीमोग्लोबिन बढ़ाती है। ।
सेब की चटनी-- 100 ग्राम सेब 50 ग्राम पत्ता गोभी 50 ग्राम गाजर 50 ग्राम टमाटर 50 ग्राम खजूर तथा अदरक सेंधा नमक हरी मिर्च तथा जीरा अजवायन भुने हुए आदि स्वादानुसार मिलाकर पीस लें। । यह चटनी हृदय रोग उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए फायदेमंद है। ।
कच्चे आम की चटनी-- आम 100 ग्राम धनिया पत्ती 100 ग्राम पुदीना 100 ग्राम अदरक 5 ग्राम हरी मिर्च नमक जीरा अजवायन हींग आदि स्वादानुसार मिलाकर चटनी बनाएं। । गरमी के दिनों में यह लाभप्रद है।।
कब्ज दूर करने के लिए क्या करें-- हमारे भोजन में रेशे की मात्रा न होने से कब्ज होता है। । इसका सरल उपाय है कि हम भोजन में छिलका युक्त हरी सब्जियों का प्रयोग अवश्य करें। । मैदा चीनी बेसन के व्यंजन तथा फास्ट फूड कब्ज पैदा करते हैं।। सलाद अर्थात जिन सब्जियों को कच्चा खाया जाता है जैसे-- मूली गाजर टमाटर पत्ता गोभी खीरा ककड़ी आदि इन्हें प्राकृतिक रूप से अवश्य खाएं। । इनसे रेशे की पूर्ति होती है। । अनावश्यक गरमी भी बाहर निकलती है। ।
🔻युग निर्माण योजना 🔺अप्रैल 2018🔻पेज--19/20🔺टाइप-- कंचन कुमार गुप्ता 🔻पालम कालोनी 🔺नई दिल्ली 🔻

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