Saturday, 8 September 2018

गौधूली महान पापों की नाशक

प्राचीन समय से हमारे पूर्वज गऊ माता की सेवा करके  सुख और समृद्धि प्राप्त करते रहे है

गऊ माता की सेवा करके मनुष्य अपने जीवन में ऐसे चमत्कारी

 लाभ प्राप्त कर सकता है जो मनुष्य को संसार के सभी सुख 

प्रदान करने में सहायक होते है|आईये जाने कैसे गऊ माता की सेवा

 करके लाभ प्राप्त किये जा सकते है|




गाय को घास खिलाना बहुत पुण्यदायी :

जिस प्रकार मनुष्य तीर्थ स्थान पर स्नान करने के बाद दान 

दक्षिणा देता है तथा ब्राहमण को खाना खिलाकर जो पुण्य प्राप्त

 करता है, वही पुण्य गाय को घास खिला कर प्राप्त किया जा 

सकता है| इसके अलावा व्रत उपवास, तपस्या, महादान और 
भगवान की आराधना करके तथा पृथ्वी की परिक्रमा, सभी वेदों 
का अध्ययन करके, यज्ञ करने से भी जिस पुण्य की प्राप्ति होती 
है गौ माता की सेवा करके ठीक उसी तरह के पुण्य की प्राप्ति 
की जा सकती है|


भूमि दोषों की समाप्ति:

गऊ माता जिस भूमि पर निवास करती है उस स्थान की 

पवित्रता तथा सुन्दरता में स्वयं वृद्धि हो जाती है| गऊ माता के 

साँस से ही उस स्थान के सभी पाप समाप्त हो जाते है|

सबसे बड़ा तीर्थ है गौ सेवा :

देवराज इंद्र द्वारा बताया गया है कि गौ माता में सभी तीर्थ स्थानों 

का निवास है और जो व्यक्ति गाय की पीठ को हाथ से सहलाकर उसकी सेवा करते 

है तथा गाय के पैरों को छू कर  नमस्कार कर लेता है मानो वो सभी तीर्थों का 

भ्रमण कर लेता है|

गौ सेवा से वरदान की प्राप्ति :

गौ माता की सेवा करके जो व्यक्ति गऊ माता का सभी प्रकार से 

आदर सत्कार करता है गऊ माता उससे प्रसन्न होकर उस 

व्यक्ति को लाभकारी वरदान प्रदान करती है

मनोकामनाओं की पूर्ति गौ सेवा द्वारा :

जो व्यक्ति गौ माता की पूर्ण रूप से सेवा करता है जैसे गाय को 

पानी पिलाना, चारा खिलाना, गाय को नहलाना, गाय की 

पीठ पर हाथ फेरना (सहलाना), बीमार गाय का इलाज करके 

स्वस्थ करना आदि| ये सब कार्य करने वाले मनुष्य की पुत्र, 

धन, विद्या, सुख तथा इच्छित वस्तु आदि सम्बन्धी मनोकामना 

पूरी होती है| गौ सेवा करने वाले मनुष्य के लिए किसी भी वस्तु 

की प्राप्ति मुश्किल नहीं  होती है|


जीव को मुक्ति दिलवाने वाले सार पदार्थ :

भगवान विष्णु, गंगानदी, तुलसी, भगवद्गीता, गयाजी और गाय – 

जीव को इस संसार से मुक्ति दिलवाने वाले ये सार पदार्थ है|


मंगलमय करने के लिए क्या करें :

जिस व्यक्ति को अपने सभी पापों का नाश करके घर या परिवार 

में सब कुशल मंगल करना है तो उसके घर पर बछड़े सहित 

एक गाय होनी बहुत आवश्यक है| बिना गाय की सेवा के अमंगल

 का नाश करने की कामना नहीं की जा सकती |


किसी को दान ना देने की सलाह ना दें :

कुछ व्यक्ति गौ, ब्राहम्ण तथा रोगियों को दान देने से रोकते 

है तथा मनाही करते है| ऐसे व्यक्ति मरने के पश्चात भूतों 

की श्रेणी में चले जातें है|


गौ पूजा – विष्णु पूजा के समान :

जो व्यक्ति गऊ माता की सेवा तथा पूजा करता है उसके द्वारा 

देवताओं, असुरों और मनुष्यों सहित सम्पूर्ण सृष्टी की सेवा 

अपने आप हो जाती है| इस सम्बन्ध में भगवान विष्णु देवराज

 इंद्र से कहते है जो व्यक्ति गाय की पूजा करता है उस पूजा

 को मैं अपनी पूजा मानकर ग्रहण करता हूँ|


गौधूली महान पापों की नाशक :

गाय के खुरों से उठने वाली धूल, धान्यों की धूलि तथा शरीर पर

 लगी हुई धूल बहुत ही पवित्र तथा पापों का नाश करने के लिए

 बहुत लाभकारी सिद्ध होती है|


चारों समान है :

गौ सेवा करना, प्रतिदिन भगवान का पाठ करना, भगवान का 

चिंतन करना, तुलसी को सींचना आदि से समान रूप से फल की 

प्राप्ति होती है|


गौ सेवा के अद्धभुत चमत्कार :

प्रतिदिन गाय के दर्शन, गाय की पूजा, परिक्रमा, गाय की पीठ 

को हाथ से सहलाना, गाय को हरी घास या चारा खिलाना, 

पानी पिलाना तथा सेवा करने से मनुष्य को दुर्लभ लाभ तथा 

सिद्धि प्राप्त होती है| गौ सेवा करके मनुष्य अपनी सभी इच्छाओं 

और मनोकामनाओं को पूरी कर सकता है
|
         जैसा की आपको पहले भी बताया गया है कि गाय के

 शरीर में सभी देवी देवता, ऋषि मुनि, सभी नदियाँ तथा तीर्थ 

स्थान होते है इसलिए गाय की सेवा करने से इन सभी से 

मिलने वाले वरदान की प्राप्ति की जा सकती है| इसके अलावा 

गाय को रोजाना प्रणाम करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को

 भी पाया जा सकता है | जो व्यक्ति जीवन में अपार सुख की इच्छा रखते है उनके लिए प्रतिदिन गाय को प्रणाम करना बहुत जरुरी है| 

        ऋषियों और धर्म गुरुओं द्वारा गौ पूजा और गौ 

सेवा को सर्वश्रेष्ठ धर्म बताया गया है| गाय के दर्शन करके 

यात्रा करने से यात्रा मंगलमयी होती है| इसके अलावा जिस भूमि 

या स्थान पर गाय निवास करती है उस स्थान का वातावरण 

अत्यंत पवित्र और शुद्ध रहता है| इसलिए भूमि को पवित्र बनाने 

के लिए गाय पालन बहुत लाभदायक होता है| सुबह स्नान 

करके के बाद गाय को स्पर्श करके पापों का नाश किया जा 

सकता है|


गाय का दूध – धरती का अमृत :

गाय का दूध अनेक रोगों के निवारण में बहुत गुणकारी सिद्ध होता

 है| गाय के दूध के समान दिव्य पदार्थ और दूसरा कोई नहीं 

है|गाय का दूध पूर्ण आहार है इसलिए इसे धरती के अमृत का 

नाम दिया गया है| इस संसार में गाय के दूध जैसा पोष्टिक आहार

 दूसरा कोई नहीं है|

     गाय के दूध का सेवन करना गाय की सेवा जैसा ही होता है

 क्योंकि इससे गाय पालन को बढ़ावा मिलता है साथ ही गाय की

 सेवा और सुरक्षा भी होती है| इसलिए गाय के दूध का सेवन 

करके आप गौ माता की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे 

सकते है|


पंचगव्य :

गाय के दूध, दही, घी, गोबर , गो-मूत्र को एक निश्चित 

अनुपात में मिश्रण करके पंचगव्य का नाम दिया गया है| इसका

 नियमित सेवन करने से मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते है

 तथा बुराई मनुष्य से हमेशा दूर रहती है| ऐसा कोई रोग

 इस संसार में नहीं है जिसको पंचगव्य का सेवन करके 

ख़त्म नहीं किया जा सकता| यह सभी रोगों को ख़त्म करने में 

बहुत लाभकारी साबित होता है|

No comments:

Post a Comment

गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)

             *सामग्री* गौ मूत्र      *एक लीटर* नीम पत्र    *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त     *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...