स्वस्थ भारत की ओर छोटा सा कदम... आज आपको वो जानकारी देने जा रहे है जो बरसों से भोजन व घरेलू उपचार के रूप में हल्दी का उपयोग होता रहा है. हल्दी प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट आदि गुणों से भरपूर है.
सर्दी-ज़ुकाम, कफ़, सूजन, दर्द आदि में इसका औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी में वात, पित्त व कफ़ को शमन करनेवाले व रक्त को शुद्ध करने के गुण भी हैं. हमारी जानकारी और सूचना बहुत सामान्य है मगर हम सब जानते है आधुनिक परिवेश मैं हम यह सब भूल रहे है और इसी कारण हमें अंग्रजी दवाइयों का सहारा लेना होता है और हम 2011 प्रयासरत की कैसे भी हम ओर आप को अंग्रजी दवाई से आजादी मिले ओर साथ ही स्वस्थ भारत/विश्व का निर्माणकर सके ओर 🙏🏼सच मे आपको हमारी जानकारी अच्छी लगे जन जागरण के लिए आप इस संदेश को अपने परिजनों व मित्रो तक भेजें
हल्दी को पीसकर घी में भूनकर और शक्कर मिलाकर कुछ दिन खाने से डायबिटीज़ में लाभ होता है.
* यदि गले में दर्द या सूजन हो, तो कच्ची हल्दी अदरक के साथ पीसकर गुड़ मिलाकर गर्म कर लें और इसका सेवन करें.
कान के दर्द में स़फेद फिटकरी व हल्दी एक-एक ग्राम लेकर पीस-छानकर एक-एक चुटकी कानों में डालें. दर्द व बहते हुए कान की यह रामबाण दवा है.
* हल्दी के साथ थोड़ी फिटकरी पीसकर लगाने से घाव जल्दी भरते हैं. चोट लगने के कारण ख़ून बहने लगे, तो इससे रुक जाता है.
दांतों के पीलेपन को दूर करने के लिए हल्दी में सेंधा नमक मिलाकर मलें. यदि इसमें सरसों का तेल मिला दिया जाए, तो यह पायरियानाशक मंजन बन जाता है.
* यदि कोई ज़हरीला कीड़ा काट ले, तो प्रभावित हिस्से पर ताज़ा हल्दी का रस लगाने से लाभ होता है.
मुंह में छाले हो जाने पर हल्दी पाउडर को गुनगुना करके छालों पर लगाएं या गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर घोलकर उससे कुल्ला करें.
* हल्दी की गांठ तुअर की दाल में पकाकर उसे छाया में सुखा लें. इसे पानी में घिसकर सूर्यास्त के पहले, दिन में दो बार आंखों में लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है.
हल्दी के टुकड़े को सेंककर रात में सोते समय मुंह में रखने से ज़ुकाम, कफ़ और खांसी में लाभ होता है. कष्टदायक खांसी भी इससे कम हो जाती है.
* चोट लगने या मोच आने पर हल्दी व फिटकरी को पीसकर तेल के साथ गर्म करके उसका पेस्ट बना लें. उससे गर्म-गर्म सेंक करें और उसकी पट्टी बांध लें. इससे दर्द में जल्द आराम होगा.
गाय के मूत्र में हल्दी का चूर्ण और गुड़ मिलाकर सेवन करने से कुछ दिनों में हाथीपांव का रोग दूर हो जाता है.
* हल्दी की गांठ को आग में भूनकर उसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को तीन ग्राम की मात्रा में एलोवीरा में मिलाकर सुबह-शाम सात दिन तक सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है.
आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए हल्दी के कोमल पत्तों का रस निकालकर छान लें और इसकी दो-दो बूंद हर रोज़ डालें. इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है.
* आंखों में सूजन या दर्द हो, तो पानी में हल्दी डालकर गर्म कर लें. ठंडी हो जाने पर छानकर इस पानी से आंखें धोएं.
सनबर्न से यदि त्वचा झुलस जाए या काली पड़ जाए, तो हल्दी पाउडर में बादाम का चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं.
* यदि पैरों में बिवाइयां हों, तो उन पर सरसों का तेल लगाएं और ऊपर से थोड़ा-सा हल्दी पाउडर डालें.
पीलिया की बीमारी में छाछ में हल्दी घोलकर लेने से भी लाभ होता है.
* यदि पेट में कीड़े हो गए हों, तो गुड़ और हल्दी मिलाकर सेवन करने से कीड़े मर जाते हैं.
त्वचा संबंधी रोगों से निजात पाने के लिए हल्दी के चूर्ण को तिल या नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से चर्मरोग में लाभ होता है.
सर्दी-ज़ुकाम, कफ़, सूजन, दर्द आदि में इसका औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी में वात, पित्त व कफ़ को शमन करनेवाले व रक्त को शुद्ध करने के गुण भी हैं. हमारी जानकारी और सूचना बहुत सामान्य है मगर हम सब जानते है आधुनिक परिवेश मैं हम यह सब भूल रहे है और इसी कारण हमें अंग्रजी दवाइयों का सहारा लेना होता है और हम 2011 प्रयासरत की कैसे भी हम ओर आप को अंग्रजी दवाई से आजादी मिले ओर साथ ही स्वस्थ भारत/विश्व का निर्माणकर सके ओर 🙏🏼सच मे आपको हमारी जानकारी अच्छी लगे जन जागरण के लिए आप इस संदेश को अपने परिजनों व मित्रो तक भेजें
हल्दी को पीसकर घी में भूनकर और शक्कर मिलाकर कुछ दिन खाने से डायबिटीज़ में लाभ होता है.
* यदि गले में दर्द या सूजन हो, तो कच्ची हल्दी अदरक के साथ पीसकर गुड़ मिलाकर गर्म कर लें और इसका सेवन करें.
कान के दर्द में स़फेद फिटकरी व हल्दी एक-एक ग्राम लेकर पीस-छानकर एक-एक चुटकी कानों में डालें. दर्द व बहते हुए कान की यह रामबाण दवा है.
* हल्दी के साथ थोड़ी फिटकरी पीसकर लगाने से घाव जल्दी भरते हैं. चोट लगने के कारण ख़ून बहने लगे, तो इससे रुक जाता है.
दांतों के पीलेपन को दूर करने के लिए हल्दी में सेंधा नमक मिलाकर मलें. यदि इसमें सरसों का तेल मिला दिया जाए, तो यह पायरियानाशक मंजन बन जाता है.
* यदि कोई ज़हरीला कीड़ा काट ले, तो प्रभावित हिस्से पर ताज़ा हल्दी का रस लगाने से लाभ होता है.
मुंह में छाले हो जाने पर हल्दी पाउडर को गुनगुना करके छालों पर लगाएं या गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर घोलकर उससे कुल्ला करें.
* हल्दी की गांठ तुअर की दाल में पकाकर उसे छाया में सुखा लें. इसे पानी में घिसकर सूर्यास्त के पहले, दिन में दो बार आंखों में लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है.
हल्दी के टुकड़े को सेंककर रात में सोते समय मुंह में रखने से ज़ुकाम, कफ़ और खांसी में लाभ होता है. कष्टदायक खांसी भी इससे कम हो जाती है.
* चोट लगने या मोच आने पर हल्दी व फिटकरी को पीसकर तेल के साथ गर्म करके उसका पेस्ट बना लें. उससे गर्म-गर्म सेंक करें और उसकी पट्टी बांध लें. इससे दर्द में जल्द आराम होगा.
गाय के मूत्र में हल्दी का चूर्ण और गुड़ मिलाकर सेवन करने से कुछ दिनों में हाथीपांव का रोग दूर हो जाता है.
* हल्दी की गांठ को आग में भूनकर उसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को तीन ग्राम की मात्रा में एलोवीरा में मिलाकर सुबह-शाम सात दिन तक सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है.
आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए हल्दी के कोमल पत्तों का रस निकालकर छान लें और इसकी दो-दो बूंद हर रोज़ डालें. इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है.
* आंखों में सूजन या दर्द हो, तो पानी में हल्दी डालकर गर्म कर लें. ठंडी हो जाने पर छानकर इस पानी से आंखें धोएं.
सनबर्न से यदि त्वचा झुलस जाए या काली पड़ जाए, तो हल्दी पाउडर में बादाम का चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं.
* यदि पैरों में बिवाइयां हों, तो उन पर सरसों का तेल लगाएं और ऊपर से थोड़ा-सा हल्दी पाउडर डालें.
पीलिया की बीमारी में छाछ में हल्दी घोलकर लेने से भी लाभ होता है.
* यदि पेट में कीड़े हो गए हों, तो गुड़ और हल्दी मिलाकर सेवन करने से कीड़े मर जाते हैं.
त्वचा संबंधी रोगों से निजात पाने के लिए हल्दी के चूर्ण को तिल या नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से चर्मरोग में लाभ होता है.
No comments:
Post a Comment