घी अम्रत कैसे ???
देशी गौ घृत बनाने की वैदिक विधि ---------
दूध को हमारे बुजर्ग जैसे गर्म करके उसमे घी बनाते थी उसकी पूर्ण विधि ---
हम एक हांडी हैं जो करीब 20 लीटर की है ,उसमे 8 किलो दूध और 3
किलो पानी डालते हैं ,
इसके बाद "हारा" (मिटटी का चूल्हा) जो लगभग हमारे गांव में हर घर में
होता है ,
उसमे गौबर के उपले छोटे छोटे टुकड़े करके उनमे एक छोटी सुलगती
चिंगारी छोड़ देते हैं -
चिंगारी छोड़ देते हैं -
जैसे ही उपले सुलगते हैं ,उन पर दूध की हांडी रखते हैं ,,,,,
ये करीब शुबह 8 से 9 बजे तक रखते हैं --
इसके बाद वो हांडी में पड़ा हुवा दूध शाम के करीब 6,7 बजे तक इन
सुलगते उपलों की धीरे -धीरे गर्म होता है -
और शाम होते-होते ये दूध लाल सुर्ख बन जाता है ,व् इसके ऊपर एक
बड़ी
परत मलाई की आ जाती है -या दौरान इस दूध में बहुत ही अच्छी खुशबु
आती है -
शाम को 6,7 बजे हांडी को उतारने के बाद जब ये थोड़ा सा ठंडा हो जाये
,तो इसको मिटी का बिलौना होता है उसमें डाल दें ,और दही जमा दें
इसका """"
और ढक दें अच्छी तरह ,इसके बाद शुबह ब्रह्ममहूर्त समय 4 से 6 बजे
के बीच इसको लकड़ी मथानी से मन्थन (बिलौना) करें -
के बीच इसको लकड़ी मथानी से मन्थन (बिलौना) करें -
और शुरु करने से पहले बिलोने में यदि शर्दी है तो इसमें थोड़ा (1लीटर)
गर्म पानी डालें और गर्मी हैं तो मटके का ठंडा पानी डालें ,,,,और मन्थन
करें और बिच में फिर एक लीटर पानी डालें और मथकर उसमे से माखन
को किसी हंडिया में निकाल लें -
गर्म पानी डालें और गर्मी हैं तो मटके का ठंडा पानी डालें ,,,,और मन्थन
करें और बिच में फिर एक लीटर पानी डालें और मथकर उसमे से माखन
को किसी हंडिया में निकाल लें -
अब उस माखन को गर्म करें ,इसके तीन भाग बनेगें माखन को गर्म करने
पर ,,,सबसे ऊपर जो झाग होंगे उसको छछेडू बोलते हैं और इसके नीचे
तरल घी और अंत में नीचे लस्सी होती है -
आप इस घी को सावधानी से निकालें इसमें झाग या लस्सी न आने पाएं
-।इसके बाद एक बार पुनः इस अकेले घी को गर्म करें हांडी में -
जब इसमें से लस्सी झाग बिलकुल नजर न आएं -तो उतारकर किसी
मर्तबान ,चीनी मिटी बर्तन में रखें
और हांडी बिलोने की ताजी लस्सी पियें ,जो पेट आदि के लिए बहुत ही
लाभकारी है -
और करीब 25 से 30 किलो दूध में एक किलो घी बनता हैं
मित्रो ये विधि आपको लिखी है
और ये विधि आप राजस्थान ,हरियाणा आदि राज्य में गाँवो में बनाया
जाता है
कुछ लोग कहते हैं ,जो गाय का दूध 40 ,50 रूपये और घी 600 रूपये दे
रहे हैं -यही गाय की आज दुर्दसा का कारण बन रहा है -
जिसके कारण दूसरे गोपालक को उसके घी ,दूध का वाजिब मूल्य नही
मिल पाता है ,
गाय का दूध कम से कम 7 0 से 8 0 रूपये लीटर और घी 15 00 रूपये हो
इस प्रयास को सभी स्वदेसी भाई आगे बढ़ाएं
Excellent.
ReplyDeleteभाइयो, यदि 30 लीटर दूध से 1kg घी बनता है और दूध की कीमत 40 रु प्रति लीटर है तो बाजार में घी 450 रु किलो कैसे बिक रहा है।
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