पंचगव्य घृत
जय गौमाता -जय गोपाल ।।
मित्रो आज आपको पंचगव्य घृत बनाने की पोस्ट को लिखकर दे रहा हूँ
आपसे विन्रम निवेदन हैं कि पोस्ट को आगे शेयर जरूर करें ताकि किसी
भाई बहन के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचे --
हम खेतों में खुली चरने वाली भारतीय नस्ल की गाय के दूध को लेकर
मिटी की हांड़ी में डालकर उसमे
संख्पुश्पी, ,ब्राह्मी बूंटी,सतावरी,निम् गिलोय, अस्वगन्धा डालकर उसको
कुंडा यानि की गांव में हारा बोलते हैं ,उपलों पर रखकर गर्म करते हैं
मिटी की हांड़ी में डालकर उसमे
संख्पुश्पी, ,ब्राह्मी बूंटी,सतावरी,निम् गिलोय, अस्वगन्धा डालकर उसको
कुंडा यानि की गांव में हारा बोलते हैं ,उपलों पर रखकर गर्म करते हैं
शुबह 9 से शाम 6 बजे तक और रात को उसको फिर मिटी के बिलोने में
दही जमा देते हैं
और सुबह उसको लकड़ी की मथानी से बिलोकर उसका मखन निकालते
हैं ।
और उस मखन को एक हंडिया में डालते हैं और
उसमे स्याम तुलसी 30-40 पते डालकर उस मखन को गर्म करके फिर
उसको कांच के बर्तन में रखते हैं ।
यही हमारा वो वैदिक(हर्बल ) घी तैयार हो गया जो आप गाय के दूध में
रोजाना एक चमच प्रयोग करें और लाभ देखें ।
दही जमा देते हैं
और सुबह उसको लकड़ी की मथानी से बिलोकर उसका मखन निकालते
हैं ।
और उस मखन को एक हंडिया में डालते हैं और
उसमे स्याम तुलसी 30-40 पते डालकर उस मखन को गर्म करके फिर
उसको कांच के बर्तन में रखते हैं ।
यही हमारा वो वैदिक(हर्बल ) घी तैयार हो गया जो आप गाय के दूध में
रोजाना एक चमच प्रयोग करें और लाभ देखें ।
बहुत से रोंगो में ये फायदा करता है ,
इसके बाद हम एक और दूसरा घृत पंचगव्य घृत बनाते हैं-
पंचगव्य घृत के लाभ और कैसे बनता हैं ये आपको हम बता रहे हैं
पंचगव्य घृत बनाने की विधि :
1 गौ घृत 1 kg
2 छाछ या दही1 kg
3 गोमूत्र 1 kg
4 गौ मय रस 1kg
5 दूध 1kg
2 छाछ या दही1 kg
3 गोमूत्र 1 kg
4 गौ मय रस 1kg
5 दूध 1kg
6 भाग 1 घृत मूर्छना
पहले हम इस घी को मूर्छित करते हैं त्रिफला हल्दी ,नागरमोथा व् निम्बू
रस से और जब सिर्फ घी बच जाए
तब इसका पंचगव्य घृत बनाते हैं
रस से और जब सिर्फ घी बच जाए
तब इसका पंचगव्य घृत बनाते हैं
भाग 2 दही या छाछ डालकर पकाते हैं
फिर भाग 3 पर गोमूत्र डालकर पकाते हैं
फिर भाग 4 पर गौ मय रस डालकर पकाते हैं
फिर भाग 5 पर दूध डालकर पकाते हैं
यानि की आप इसमें छाछ और दूध को साथ में न डालें जैसे पहले दूध
डाल दिया ,फिर छाछ या दही ।
आप दूध और छाछ के बीच में गौ मूत्र और गौ मय रस डालें ।
फिर भाग 3 पर गोमूत्र डालकर पकाते हैं
फिर भाग 4 पर गौ मय रस डालकर पकाते हैं
फिर भाग 5 पर दूध डालकर पकाते हैं
यानि की आप इसमें छाछ और दूध को साथ में न डालें जैसे पहले दूध
डाल दिया ,फिर छाछ या दही ।
आप दूध और छाछ के बीच में गौ मूत्र और गौ मय रस डालें ।
और अंत में सिर्फ घी बचता है यही "पंचगव्य घृत" कहलाता है
""पंचगव्य घृत के लाभ ""
ये स्मरण शक्ति को जबरदस्त बढ़ाता है ,यानी की स्कुल में पढ़ने
वाले बच्चों को जरूर डालें
1~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
2~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से एलर्जी ख़त्म हो जाति
है।
3~ कुछ औषधियों के साथ इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से लकवा
रोग में लाभ होता है ।
4~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से कान का फटा हुआ
पर्दा बिना ओपरेशन के ठीक हो जाता है।
5~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से नाक की खुश्की दूर
होती है।
6~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से दिमाग तरोताजा हो
जाता है।
7~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से मरीज़ कोमा से बाहर
आ जाता है।
8~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से स्मरण-शक्ति तेज़ होती है।
9~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से जिसको नींद नहीं आती उनको
बहुत अच्छी नींद आती है।
10~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
11~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से नजला व जुखाम ठीक हो
जाता है।
12~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से माइग्रेन ,सभी प्रकार के
सिर- दर्द ठीक हो जाते है।
13~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से मिर्गी भी ठीक हो जाति है।
14~इस दवा की २-२ बूंद नाक में डालने से चिड़चिड़ापन दूर हो जाता है।
वाले बच्चों को जरूर डालें
स्वस्थ व्यक्ति या पूरा परिवार इसको डालते रहें ,बच्चों की स्मरण शक्ति
को बहुत तेज रखेगा ।
को बहुत तेज रखेगा ।
प्रयोग विधि:-
गंभीर समस्या वाले इस औषदि का दिन में ३ बार (सुबह,
दोपहर, रात), व् कम समस्या वाले इस दवा का प्रयोग रात को सोते
समय सीधे लेटकर (बिना तकिये के) नाक में २-२ बूंद डालना है,
डालने के बाद इसको अन्दर की तरफ नहीं खेचना, 1घण्टे तक
चुपचाप लेटे रहना है और पानी नही पीना है... या वैध के परामर्श
अनुसार लेना है,
हमारा उद्देश्य है : गऊ धन बचाओ -विश्व को बचाओ !
कृपया जनहित ,गऊ हित में पोस्ट को शेयर करें जी ।
जय गोमाता -जय गोपाल
अधिक जानकारी के लिए श्री राजीव दीक्षित जी की आवाज जरूर सुने !!
अधिक जानकारी के लिए श्री राजीव दीक्षित जी की आवाज जरूर सुने !!
No comments:
Post a Comment