Saturday 23 March 2013

गोशाला मे निर्मित धूप

बांस का उपयोग अगरबत्ती मे हो तो उसका त्याग करे 
भारत वर्ष मे आज से कुछ वर्षो पूर्व तक बांस की लकड़ी का उपयोग जलाने या पूजन मे काही भी नहीं किया जाता था ,और अगरबत्ती जैसी पूज्य सामाग्री को तो बड़े सावधानी और शुद्धता के साथ बनाया जाता था परंतु आज कल इसे व्यापार के रूप मे स्थापित कर दिया गया है और इसमे बांस की लकड़ी का उपयोग किया जा रहा है जो की स्वास्थ और धर्म दोनों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है 
सलिए आप सभी से से विनम्र निवेदन है की आपा सभी गौ माँ के पवित्र गोबर ,घी और भीमसेनी कपूर से बनी धूप बत्ती का प्रयोग करे इससे आपके आस पास की हजारो टन o2 शुद्ध होगी

गोशाला मे निर्मित धूप---------------------------------------------

1- जिस कमरे मे धूप जलेगी वहा काकरोच नही आयेङ्गे।
2- ततैया के काटने पर इस धूप कि भस्म लगाने पर तुरन्त लाभ होता है।
3- डायबिटीज से होने वाले , बेड सोर्स , या और कोई घाव ना भरे तो भस्म को वहा लगाते रहने से घाव भर जाता है।
4- गन्दे पानी को शुद्ध करने के लिये मटके भर पानी मे गोशाला वाली धूप की 5 चुटकी भस्म डाल दे।
5- अगरबत्ती मे बास का इस्तेमाल होता है ; शास्त्रो मे कहा गया है की बास नही जलाना चाहिये ।
6- अगरबत्ती मे खुशबु के लिये पेट्रोकेमिकल होता है , यह गले मे खराश पैदा करता है। जो लोग अगरबत्ती जला कर एक घण्टा साधना करते है , उसे लङ्ग केन्सर होने कि सम्भावना है।
7- इसलिये गोशाला मे जा कर वनस्पति और औषधि युक्त धूप ले आये।

1 comment:

  1. thanks for the information

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