- सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए?
उत्तर – हल्का गर्म। - पानी पीने का क्या तरीका होता है?
उत्तर – सिप सिप करके व नीचे बैठ कर। - खाना कितनी बार चबाना चाहिए?
उत्तर – 32 बार। - पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए?
उत्तर – सुबह। - सुबह का खाना कब तक खा लेना चाहिए?
उत्तर – सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक। - सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए?
उत्तर – जूस। - दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए?
उत्तर – लस्सी/छाछ। - रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए?
उत्तर – दूध। - खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए?
उत्तर – रात को। - लस्सी खाने के साथ कब पीनि चाहिए?
उत्तर – दोपहर को। - खाने के साथ जूस कब लिया जा सकता है?
उत्तर – सुबह। - खाने के साथ दूध कब ले सकते है?
उत्तर – रात को। - आईसक्रीम कब कहानी चाहिए?
उत्तर – कभी नही। - फ्रीज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद कहानी चाहिए?
उत्तर – 1 घण्टे बाद। - क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए?
उत्तर – नही। - बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा लेना चाहिए?
उत्तर – 40 मिनट। - रात को कितना खाना खाना चाहिए?
उत्तर – न के बराबर। - रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए?
उत्तर – सूरज छिपने से पहले। - पानी खाना खाने से कितने समय पहले पी सकते हैं?
उत्तर – 48 मिनट। - क्या रात को लस्सी पी सकते हैं?
उत्तर – नही। - सुबह खाने के बाद क्या करना चाहिए?
उत्तर – काम। - दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए?
उत्तर – आराम। - रात को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए?
उत्तर – 500 कदम चलना चाहिए। - खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना चाहिए?
उत्तर – वज्र आसन। - खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर करना चाहिए?
उत्तर – 5-10मिनट। - सुबह उठ कर आखों मे क्या डालना चाहिए?
उत्तर – मुंह की लार। - रात को किस समय तक सो जाना चाहिए?
उत्तर – 9-10बजे तक। - तीन जहर के नाम बताओ?
उत्तर – चीनी मैदा सफेद नमक। - दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना चाहिए?
उत्तर – अजवायन। - क्या रात को सलाद खानी चाहिए?
उत्तर – नहीं। - खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए?
उत्तर – नीचे बैठकर व खूब चबाकर। - क्या विदेशी समान खरीदना चाहिए?
उत्तर – कभी नही। - चाय कब पीनी चाहिए?
उत्तर – कभी नहीं। - दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए?
उत्तर – हल्दी। - दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए?
उत्तर – कैंसर ना हो इसलिए। - कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है?
उत्तर – आयुर्वेद। - सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए?
उत्तर – अक्टूबर से मार्च (सर्दियों मे)। - ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए?
उत्तर – जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)। - मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए?
उत्तर – मार्च से जून (गर्मियों में)। - सुबह का पानी कितना पीना चाहिए?
उत्तर – कम से कम 2-3गिलास। - सुबह कब उठना चाहिए?
उत्तर – सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहले। - 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी।
- कुल 13 अधारणीय वेग हैं।
- 160 रोग केवल मांसाहार से होते है।
- 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।
- 80 रोग चाय पीने से होते हैं।
- 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं।
- शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।
- अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।
- ठंडेजल (फ्रिज)और आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़ जाती है।
- मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।
- भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।
- बाल रंगने वाले द्रव्यों(हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है।
- दूध(चाय) के साथ नमक(नमकीन पदार्थ) खाने से चर्म रोग हो जाता है।
- शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।
- गर्म जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से आँखें कमजोर हो जाती हैं।
- टाई बांधने से आँखों और मस्तिश्क हो हानि पहुँचती है।
- खड़े होकर जल पीने से घुटनों(जोड़ों) में पीड़ा होती है।
- खड़े होकर मूत्रत्याग करने से रीढ़ की हड्डी को हानि होती है।
- भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) बढ़ता है।
- जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है।
- मुँह से साँस लेने पर आयु कम होती है।
- पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और क्षय(टीबी) होने का डर रहता है।
- चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध हो जाता है मलेरिया नहीं होता है।
- तुलसी के सेवन से मलेरिया नहीं होता है।
- मूली प्रतिदिन खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है।
- अनार आंव, संग्रहणी, पुरानी खांसी व हृदय रोगों के लिए सर्वश्रेश्ठ है।
- हृदयरोगी के लिए अर्जुनकी छाल, लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकरयुक्त आटा, छिलकेयुक्त अनाज औशधियां हैं।
- भोजन के पश्चात् पान, गुड़ या सौंफ खाने से पाचन अच्छा होता है। अपच नहीं होता है।
- अपक्व भोजन (जो आग पर न पकाया गया हो) से शरीर स्वस्थ रहता है और आयु दीर्घ होती है।
- मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मधुर होती है।
- जल सदैव ताजा (चापाकल, कुएं आदि का) पीना चाहिये, बोतलबंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।
- नीबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के रोग) तथा हैजा से बचाता है।
- चोकर खाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसलिए सदैव गेहूं मोटा ही पिसवाना चाहिए।
- फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त जल नहीं पीना चाहिए।
- भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए। उसके पश्चात् उसकी पोशकता कम होने लगती है। 12 घण्टे के बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।
- मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोशकता 100% कांसे के बर्तन में 97% पीतल के बर्तन में 93% अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13% ही बचते हैं।
- गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा, मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग करना चाहिए।
- 14 वर्श से कम उम्र के बच्चों को मैदा (बिस्कुट, बे्रड, समोसा आदि) कभी भी नहीं खिलाना चाहिए।
- खाने के लिए सेंधा नमक सर्वश्रेश्ठ होता है उसके बाद काला नमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के समान होता है।
- जल जाने पर आलू का रस, हल्दी, शहद, घृतकुमारी में से कुछ भी लगाने पर जलन ठीक हो जाती है और फफोले नहीं पड़ते।
- सरसों, तिल,मूंगफली या नारियल का तेल ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए है। रिफाइंड तेल और वनस्पति घी (डालडा) जहर होता है।
- पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने से आँखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।
- खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।
- चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5-20 मिनट तक चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है। हड्डी टूटने पर चुम्बक का प्रयोग करने से आधे से भी कम समय में ठीक होती है।
- मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी(कच्ची) चीनी का प्रयोग करना चाहिए सफेद चीनी जहर होता है।
- कुत्ता काटने पर हल्दी लगाना चाहिए।
- बर्तन मिटटी के ही परयोग करन चाहिए।
- टूथपेस्ट और ब्रश के स्थान पर दातून और मंजन करना चाहिए दाँत मजबूत रहेंगे। (आँखों के रोग में दातून नहीं करना)
- यदि सम्भव हो तो सूर्यास्त के पश्चात् न तो पढ़े और लिखने का काम तो न ही करें तो अच्छा है।
- निरोग रहने के लिए अच्छी नींद और अच्छा(ताजा) भोजन अत्यन्त आवश्यक है।
- देर रात तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। भोजन का पाचन भी ठीक से नहीं हो पाता है आँखों के रोग भी होते हैं।
- प्रातः का भोजन राजकुमार के समान, दोपहर का राजा और रात्रि का भिखारी के समान।
Thursday, 29 November 2018
जीवनोपयोगी प्रश्नोत्तरी
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