1 . हर घर में कम से कम एक गाय अवश्य पालनी चाहिए
और वो भी नहीं होता तो दस घर मिलकर एक गाय का पालन करो.
2.
आजकल के लोग
वो भी नहीं कर सकते तो हर घर में गौ सेवा के लिए दानपात्र लगाएं और रोज कुछ ना कुछ
धन उस में डाल दिया करिए... हर महीने के अंत में किसी भी गौ सेवा संस्थान को ये
दान दिया करें.
3 . रोज नारे लगाते हैं हम, गौ माता की रक्षा हो.. अधर्म का नाश हो पर गौ सेवा के नाम पर सब पिछे हट जाते हैं... भगवान ने हमें सब कुछ दिया है फिर भी हम एक गाय नहीं पाल सकते? क्यों?
4 . कोशिश कीजिए के पैकेट का दूध घर में नहीं लें.... और दूधवाले से गौ माता का ही दूध खरीदे... घर घर देसी घी दही मक्खन आना चाहिए, पैकेट का नहीं... एसा करने से गौ वंश बढेगा
5. यज्ञों के दौरान गायों को चढ़ाव और विनिमय में अत्यंत महत्व था । किसी व्यक्ति के धन का आकलन उसकी गायों की संख्या द्वारा किया जाता था
6 . भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के घर कोई धन दौलत नहीं चुराने गए.. वो माखन चुराने जाया करते... और गौ माता के लिए श्रीजी ने अपने आप को माखनचोर कहना भी योग्य समझा.
7 . भगवान गोपियों के घरों में उनको भगाने के बाद भी आते थे क्योंकि वहां गौ माता रहती थी.... पर अगर गौ माता नहीं होती तो भगवान गोपियों के बुलाने पर भी घर में नहीं आते.
8. गौ-पालन में
सहयोगी लोगों का भी पालन भगवान ही करते है
बशर्ते वे अपने को प्रेम से, ईमानदारी से
और भक्ति से इस कार्य में जोड़े |
9. आज के समय के भाई-माता-बहनों की बात सुन,लिजिये - कुत्ते की पूछ सहलाना,
उसको सैम्पू से नहलाना, उसकी पोटी साफ़
करना, उसके साथ किस्सिंग...
आप जितना कुत्ते पर खर्च करते
हो उसका २५% ईमानदारी से गौ-सेवा में
लगा दीजिये…
10. महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया हें कि गाय जहां बैठ कर
निर्भयतापूर्वक सांस लेती है, उस स्थान के समस्त पापों को खीचं लेती है. इस प्रकार गौ के साथ-साथ उस भूमि के पर रहने वाले समस्त जीव पापरहित हो कर मृत्यु उपरान्त स्वर्गगामी होते है.
11–जिस घर के वायव्य कोण में अथवा कहीं भी गाय का पालन किया जाता है,उस स्थान पर घर के समस्त वास्तुदोष स्वतः ही दूर हो जाते हैं.
12 – जिस घर में बछड़े सहित गाय रहती है,वहां सर्वार्थ कल्याण होता है,तथा उस स्थान के समस्त वास्तु दोष दब जाते हैं.
13 – जिस घर में गाय के लिए पहली रोटी निकाली जाती है तथा गाय को दी जाती है वहां के निवासी हमेशा सुखी रहतें है.
14 – जिस भूमि पर गाय को रविवार के दिन स्नान कराया जाता है,वहां लक्ष्मी का वास होता है तथा लक्ष्मी स्थिर रहती है,वहां के निवासी स्वस्थ एवं चैन से रहते है.
15 – जिस घर में गौमूत्र का यदा- कदा छिडकाव किया जाता हो,वह घर
लक्ष्मी से युक्त होता है.
16– घर के किसी भी भाग में हमेशा गोबर लेपन करने से लक्ष्मी उस घर में सतत बनी रहती है.
17– गाय को स्नान कराने वाले को कोटि-कोटि पुण्य प्राप्त होता है...
18 . आजकल लोग गौ माता को कुछ भी बचाकुचा खाना देते हैं.... याद रहे कि आपके घर के सामने गौ माता जो भी खाती है वो आपके पूर्वजो को मिलता है.
19 . गाय के दुध में स्वर्ण तत्व पाये जाते है .यह तत्व माँ के दुध के अतिरिक्त दुनियाँ में किसी भी पदार्थ में नही है।
20. गाय के गोबर से प्रतिवर्ष 4500 लीटर बायोगैस मिल,सकता है।
21.गाय,द्वारा छोड़ी गयी श्वास से सभी अदृश्य एवं हानिकारक,बैक्टेरिया मर जाते है| ये अंदर ऑक्सीजन लेती है लेकिन बाहर (co2 +o2) छोडती है जिसमें o2 की प्रमाण ज्यादा है
22. गाय के सिंग चंद्रमा से आने वाली ऊर्जा को अवशोषित कर शरीर को देते है| प्रतिदिन गाय के सिंग पर हाथ फेरने से गुस्सा नहीं आता है।
3 . रोज नारे लगाते हैं हम, गौ माता की रक्षा हो.. अधर्म का नाश हो पर गौ सेवा के नाम पर सब पिछे हट जाते हैं... भगवान ने हमें सब कुछ दिया है फिर भी हम एक गाय नहीं पाल सकते? क्यों?
4 . कोशिश कीजिए के पैकेट का दूध घर में नहीं लें.... और दूधवाले से गौ माता का ही दूध खरीदे... घर घर देसी घी दही मक्खन आना चाहिए, पैकेट का नहीं... एसा करने से गौ वंश बढेगा
5. यज्ञों के दौरान गायों को चढ़ाव और विनिमय में अत्यंत महत्व था । किसी व्यक्ति के धन का आकलन उसकी गायों की संख्या द्वारा किया जाता था
6 . भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के घर कोई धन दौलत नहीं चुराने गए.. वो माखन चुराने जाया करते... और गौ माता के लिए श्रीजी ने अपने आप को माखनचोर कहना भी योग्य समझा.
7 . भगवान गोपियों के घरों में उनको भगाने के बाद भी आते थे क्योंकि वहां गौ माता रहती थी.... पर अगर गौ माता नहीं होती तो भगवान गोपियों के बुलाने पर भी घर में नहीं आते.
8. गौ-पालन में
सहयोगी लोगों का भी पालन भगवान ही करते है
बशर्ते वे अपने को प्रेम से, ईमानदारी से
और भक्ति से इस कार्य में जोड़े |
9. आज के समय के भाई-माता-बहनों की बात सुन,लिजिये - कुत्ते की पूछ सहलाना,
उसको सैम्पू से नहलाना, उसकी पोटी साफ़
करना, उसके साथ किस्सिंग...
आप जितना कुत्ते पर खर्च करते
हो उसका २५% ईमानदारी से गौ-सेवा में
लगा दीजिये…
10. महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया हें कि गाय जहां बैठ कर
निर्भयतापूर्वक सांस लेती है, उस स्थान के समस्त पापों को खीचं लेती है. इस प्रकार गौ के साथ-साथ उस भूमि के पर रहने वाले समस्त जीव पापरहित हो कर मृत्यु उपरान्त स्वर्गगामी होते है.
11–जिस घर के वायव्य कोण में अथवा कहीं भी गाय का पालन किया जाता है,उस स्थान पर घर के समस्त वास्तुदोष स्वतः ही दूर हो जाते हैं.
12 – जिस घर में बछड़े सहित गाय रहती है,वहां सर्वार्थ कल्याण होता है,तथा उस स्थान के समस्त वास्तु दोष दब जाते हैं.
13 – जिस घर में गाय के लिए पहली रोटी निकाली जाती है तथा गाय को दी जाती है वहां के निवासी हमेशा सुखी रहतें है.
14 – जिस भूमि पर गाय को रविवार के दिन स्नान कराया जाता है,वहां लक्ष्मी का वास होता है तथा लक्ष्मी स्थिर रहती है,वहां के निवासी स्वस्थ एवं चैन से रहते है.
15 – जिस घर में गौमूत्र का यदा- कदा छिडकाव किया जाता हो,वह घर
लक्ष्मी से युक्त होता है.
16– घर के किसी भी भाग में हमेशा गोबर लेपन करने से लक्ष्मी उस घर में सतत बनी रहती है.
17– गाय को स्नान कराने वाले को कोटि-कोटि पुण्य प्राप्त होता है...
18 . आजकल लोग गौ माता को कुछ भी बचाकुचा खाना देते हैं.... याद रहे कि आपके घर के सामने गौ माता जो भी खाती है वो आपके पूर्वजो को मिलता है.
19 . गाय के दुध में स्वर्ण तत्व पाये जाते है .यह तत्व माँ के दुध के अतिरिक्त दुनियाँ में किसी भी पदार्थ में नही है।
20. गाय के गोबर से प्रतिवर्ष 4500 लीटर बायोगैस मिल,सकता है।
21.गाय,द्वारा छोड़ी गयी श्वास से सभी अदृश्य एवं हानिकारक,बैक्टेरिया मर जाते है| ये अंदर ऑक्सीजन लेती है लेकिन बाहर (co2 +o2) छोडती है जिसमें o2 की प्रमाण ज्यादा है
22. गाय के सिंग चंद्रमा से आने वाली ऊर्जा को अवशोषित कर शरीर को देते है| प्रतिदिन गाय के सिंग पर हाथ फेरने से गुस्सा नहीं आता है।