Friday, 1 February 2019

खुरपका-मुँहपका रोग से बचाव का टीका लगवायें

पशुपालन कार्य : वर्ष के विभिन्न महीनों में पशुपालन से सम्बन्धित कार्य (पशुपालन कलेण्डर) इस प्रकार हैं-
अप्रैल (चैत्र) :
1. खुरपका-मुँहपका रोग से बचाव का टीका लगवायें। 
2. जायद के हरे चारे की बुआई करें, बरसीम चारा बीज उत्पादन हेतु कटाई कार्य करें। 
3. अधिक आय के लिए स्वच्छ दुग्ध उत्पादन करें। 
4. अन्तः एवं बाह्य परजीवी का बचाव दवा स्नान/दवा पान से करें।
मई (बैशाख)
1. गलाघोंटू तथा लंगड़िया बुखार का टीका सभी पशुओं में लगवायें। 
2. पशुओं को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में खिलायें। 
3. पशु को स्वच्छ पानी पिलायें। 
4. पशु को सुबह एवं सायं नहलायें। 
5. पशु को लू एवं गर्मी से बचाने की व्यवस्था करें। 
6. परजीवी से बचाव हेतु पशुओं में उपचार करायें। 
7. बांझपन की चिकित्सा करवायें तथा गर्भ परीक्षण करायें।
 जून (जेठ)
1. गलाघोंटू तथा लंगड़िया बुखार का टीका अवशेष पशुओं में लगवायें। 
2. पशु को [[लू]] से बचायें। 
3. हरा चारा पर्याप्त मात्रा में दें। 
4. परजीवी निवारण हेतु दवा पशुओं को पिलवायें। 
5. खरीफ के चारे मक्का, लोबिया के लिए खेत की तैयारी करें। 
6. बांझ पशुओं का उपचार करायें। 
7. सूखे खेत की चरी न खिलायें अन्यथा जहर वाद का डर रहेगा।

गौ मूत्र फिनायल बनाने की विधि (केमिकल रहित)

             *सामग्री* गौ मूत्र      *एक लीटर* नीम पत्र    *200 ग्राम सूखा* पाइन आयल इमल्सीफायर युक्त     *50 ग्राम* उबाला हुआ पा...